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भोपाल. श्योपुर के कूनो-पालपुर नेशनल पार्क में चीते लाने की औपचारिकताओं में दिक्कतें आने से अब इसके आने की संभावना 15 अगस्त के बाद हो गई है। पहले 13 अगस्त को चीते लाने की तैयारी थी। इसके पीछे की वजह भारत को चीता देने के लिए दक्षिण अफ्रीका सरकार को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिलना है। हालांकि अफ्रीकी राजदूत कार्यालय इसकी मानिटरिंग कर रहा है और फॉलोअप भारत सरकार को दे रहा है। राष्ट्रपति से अगर जल्द मंजूरी मिल जाती है तो 15 अगस्त को यहां चीते लाए जा सकते हैं।
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नामीबिया से अनुबंध हो चुका है, जबकि दक्षिण अफ्रीका से अनुबंध की प्रक्रिया चल रही है। इसके लिए भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक वहां की सरकार के लगातार संपर्क में हैं। इस परियोजना से सीधे तौर पर जुड़े अफसरों ने बताया कि दक्षिण अफ्रीका सरकार ने अनुबंध से पहले अपने राष्ट्रपति की अनुमति मांगी है। इसका प्रस्ताव राष्ट्रपति को भेजा गया है। प्रस्ताव पर कब हस्ताक्षर होंगे, अभी कहा नहीं जा सकता है। यदि हस्ताक्षर में देर हुई तो चीता लाने में भी देरी होगी। इन अधिकारी का यह भी कहना है कि 15 अगस्त को मध्य प्रदेश में चीते पहुंच रहे हैं, इसकी कोई पुष्ट जानकारी उनके पास नहीं है।
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एक नजर
एक छोटी सी छलांग में 80 से 130 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में दौड़ सकता है।
इसी स्पीड से 460 मीटर तक लगातार दौड़ सकता है।
3 सेकंड में ही 103 की रफ्तार पकड़ लेता है। चीता शब्द की उत्पत्ति संस्कृत शब्द चित्रकायः से हुई है।
23 फीट की एक लंबी छलांग लगा सकता है।
दौड़ते वक्त आधे से अधिक समय हवा में रहता है।
Updated on:
12 Aug 2022 10:04 am
Published on:
12 Aug 2022 10:02 am
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