इन यात्रियों को वाराणसी में भगवान विश्वनाथ के दर्शन के साथ ही संत रविदास और संत कबीर दास के जन्म स्थान के दर्शन भी करवाए जाएंगे। तीर्थ यात्रियों की मध्यप्रदेश वापसी 22 अप्रैल को होगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति शिव शेखर शुक्ला और अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में बताया गया कि स्टेशन पर तीर्थ यात्रियों का स्वागत ढोल नगाड़ों से किया जाएगा। साथ ही तीर्थ यात्रियों को तुलसी की माला पहनाई जाएगी, तीर्थ स्थान यात्रा पर जा रहे यात्रियों के लिए रानी कमलापति स्टेशन पर नाश्ते की व्यवस्था रहेगी। फूलों से सजी ट्रेन में तीर्थ यात्री निर्धारित सीट पर बैठेंगे।
भोपाल सहित विदिशा, सीहोर और रायसेन जिलों के तीर्थ यात्री रानी कमलापति स्टेशन से रवाना होंगे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि बुजुर्गों के जीवन काल में एक बार किसी बड़े तीर्थ स्थान की यात्रा के स्वप्न को मध्यप्रदेश सरकार ने पूरा करने का कार्य किया है। योजना को पूरी तैयारियों के साथ फिर प्रारंभ किया जा रहा है। संबंधित विभाग और एजेंसियां तीर्थ यात्रियों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें।
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974 यात्री जाएंगे तीर्थ यात्रा करने
यात्रा पर भोपाल संभाग के चार जिले और सागर संभाग के तीन जिलों के 974 लोग जाएंगे। एक विशेष व्यवस्था यह है कि ट्रेन में भजन मंडली भी रहेगी। मंडली के सदस्य यात्रा के दौरान समयानुकूल भजन गाते रहेंगे। बनारस पहुंचकर यात्री गंगा आरती में शामिल होंगे। लौटते समय भगवान विश्वनाथ का स्मृति चिह्न भेंट किया जाएगा।