कमलनाथ ने कहा कि गेहूं उपार्जन की सीमा 75 लाख टन तक बढ़ाई जाए। साथ ही खनिज की अटकी 20 परियोजनाओं की मंजूरी जल्द दी जाए। कमलनाथ ने पीएम मोदी से रोजगार उपलब्ध कराने से लेकर खेती-किसानी और औद्योगिकीकरण तक के लिए विभिन्न प्रोजेक्ट के तहत राशि देने की मांग की। कमलनाथ के साथ उनके पुत्र व छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ भी थे। पीएम व सीएम के बीच करीब एक घंटे मुलाकात हुई।
ये प्रमुख मांगें
– कमलनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में सड़कों के अपग्रेडेशन और छूटे गांवों को जोड़ा जाए।
– खनिज उत्खनन की बड़ी परियोजनाओं को जल्द मंजूरी दी जाए। मध्यप्रदेश की करीब 20 बड़ी खनिज परियोजनाएं केंद्र में विभिन्न स्तरों पर लंबित हैं। इनकी मंजूरी मिलने से प्रदेश के राजस्व में बढ़ोतरी होगी।
– गेहूं उपार्जन की सीमा को 75 लाख टन करने की जाए। कमलनाथ ने कहा कि अभी 67.25 लाख टन की सीमा तय कर दी है, लेकिन फरवरी में 75 लाख टन की सीमा थी। अब सीमा बढ़ाई जाए।
– मनरेगा में श्रमिक बजट को कम बताकर बढ़ोतरी की मांग की। उन्होंने कहा कि श्रमिक बजट जनवरी पूर्व ही समाप्त हो जाता है, इससे तीन से चार महीने तक भुगतान नहीं हो पाता है।
पलायन रोकने व रोजगार देने पैसा चाहिए
बुंदेलखंड व निमाड़ में पर्याप्त बारिश न होने से पलायन के हालात बन रहे हैं। इसलिए पलायन रोकने के लिए रोजगार उपलब्ध कराने की जरूरत है। इस कारण मनरेगा के तहत सहायता की जाए। इसके अलावा सिंगरौली में रीजनल सेंटर ऑफ इंडियन स्कूल ऑफ माइंस धनबाद का केन्द्र खोलने की मांग की गई। कमलनाथ ने कहा कि भारत सरकार ने 2008 में यह केन्द्र खोलने का निर्णय लिया था। तब राज्य सरकार द्वारा 163.25 एकड़ जमीन आवंटित कर दी थी, लेकिन केंद्र से माइंस स्कूल खोलने में देरी हो रही है। इसे जल्द खोला जाए।