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भोपाल . प्रदेश कांग्रेस विधानसभा चुनाव के साथ साथ मिशन 2019 पर भी काम कर रही है । विधानसभा चुनाव के साथ ही कांग्रेस की पैनी नजर उन लोकसभा सीटों पर भी है जो मोदी लहर में उससे छिन कर भाजपा के पास चली गई थीं । पार्टी ने एेसी दस सीटों पर चुनावी रणनीति के तहत काम भी शुरू कर दिया है ।
इन सीटों पर २००९ में कांग्रेस के युवा उम्मीदवारों ने भाजपा के दिग्गज नेताओं को हराया था। कांग्रेस को लगता है कि जिस तरह २००९ में कांग्रेस के प्रति लोगों में सहानुभूति थी, वही सहानुभूति इस वक्त उनके साथ है । २००९ में कांग्रेस तीन सीट से १३ लोकसभा सीट जीतकर आई थी, उसी रणनीति के तहत कांग्रेस इन दस लोकसभा सीटों पर काम कर रही है।
इन सीटों पर कांग्रेस की नजर
रीवा के सांसद जनार्दन मिश्रा कांग्रेस को कमजोर नजर आते हैं क्योंकि इसके पहले के चुनाव में भाजपा यहां बसपा से हार गई थी। शहडोल कांग्रेस की ही परंपरागत सीट मानी जाती रही है,यहां पर दलबीर सिंह और राजेश नंदिनी सिंह सांसद रह चुके हैं, उनकी बेटी हिमाद्री सिंह पिछला चुनाव हार गई थी लेकिन इस बार वो पूरी तैयारी में है।
आदिवासी सीट मंडला कांग्रेस को आसान नजर आती है, क्योंकि २०१४ के पहले वो कांग्रेस के पास ही थी और कांग्रेस को लगता है कि आदिवासी वर्ग भाजपा से नाराज है। होशंगाबाद से उदयप्रताप सिंह कांग्रेस की टिकट पर ही सांसद चुने गए थे लेकिन वो भाजपा में चले गए और फिर वहीं से सांसद बन गए, कांग्रेस को लगता है कि मोदी लहर के कारण उदयप्रताप जीते थे लेकिन अब एेसा नहीं होगा।
राजगढ़ दिग्विजय सिंह का क्षेत्र माना जाता है २००९ में यहां से भी कांग्रेस का सांसद था लेकिन पिछले चुनाव में भाजपा के रोडमल नागर चुनाव जीत गए, कांग्रेस को यहां भी जीत की उम्मीद है। देवास, उज्जैन, मंदसौर, धार और खंडवा एेसी लोकसभा सीटें हैं जहां पर कांग्रेस के युवा उम्मीदवारों ने आश्चर्यजनक तरीके से जीत हासिल की थी।
देवास से सज्जन सिंह वर्मा, उज्जैन से प्रेमचंद गुड्डू, मंदसौर से मीनाक्षी नटराजन,खंडवा से अरुण यादव ने भाजपा के दिग्गज नेताओं को जमीन दिखा दी थी, धार से गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी ने चुनाव जीत कर दिल्ली का रास्ता नापा था।
कांग्रेस की परंपरागत हैं तीन लोकसभा सीट
गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया, छिंदवाड़ा से कमलनाथ और झाबुआ से कांतिलाल भूरिया को कांग्रेस अजेय मान रही है । कांग्रेस की नजर में मोदी लहर के कारण भूरिया पिछले लोकसभा चुनाव में जरुर भाजपा के दिलीप सिंह भूरिया से हार गए थे लेकिन उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया ने फिर धमाकेदार जीत हासिल की।
कांग्रेस रणनीति के तहत काम कर रही है,कांग्रेस के साथ जनता है और अबकी बार कांग्रेस के पास वो सभी लोकसभा सीटें आएंगी जो पिछले चुनाव में छिन गई थीं।
मानक अग्रवाल मीडिया विभाग प्रभारी,कांग्रेस
Published on:
19 May 2018 07:20 am
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