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बड़ी खबर : उपचुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों के लिए कांग्रेस का बड़ा ऐलान, ‘सत्ता में लौटे तो पूरा करेंगे वादा’

उपचुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों के संबंध में कांग्रेस की बड़ी घोषणा।

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बड़ी खबर : उपचुनाव से पहले अतिथि शिक्षकों के लिए कांग्रेस का बड़ा ऐलान, 'सत्ता में लौटे तो पूरा करेंगे वादा'

भोपाल/ मध्य प्रदेश में उपचुनाव के लिए चुनाव आयोग ने सितंबर माह की घोषणा कर दी है। हालांकि, इसके बाद से ही उपचान की सभी सीटों पर आचार संहिता लग गई है। लेकिन, प्रदेश के दोनो ही राजनीतिक दलों ने चुनावी बिसात बिछानी शुरु कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने बड़ा दाव खेला। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि, दोबारा सत्ता में आते ही सबसे पहले अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। हालांकि, प्रदेश में अतिथि शिक्षक सालों से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं। लेकिन न तो उनकी कांग्रेस की सरकार में उनकी सुनी गई और न ही पहले या अभी की भाजपा सरकार में। हालांकि, उपचुनाव से पहले कांग्रेस की ओर से किये गए इस वादे ने अतिथि शिक्षकों के मुद्दे को एक बार फिर गर्मा दिया है।

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पूर्व मंत्री ने कमलनाथ के हवाले से किया ट्वीट

आपको बता दें कि, चुनाव आयोग के ऐलान के मुताबिक, मध्य प्रदेश की 26 सीटों पर सितंबर माह में उपचुनाव होने हैं। हालांकि, अभी चुनाव को लेकर स्पष्ट तारीख की घोषणा नहीं की गई है। लेकिन, राजनीतिक दलों ने चुनावी वादों की बरसात करना शुरु कर दिया है। इसी कड़ी में कांग्रेस ने बड़ा ऐलान करते हुए अतिथि शिक्षकों को लेकर कहा है कि, अगर उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस की सरकार दोबारा बनती है, तो अतिथि शिक्षकों को नियमित किया जाएगा। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, 'मध्य प्रदेश के अतिथि शिक्षकों को माननीय कमलनाथ जी का बड़ा वचन। पुनः सरकार में वापसी करते ही पहली कैबिनेट बैठक में अतिथि शिक्षकों को करेंगे नियमित।'

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सत्ता में आने पहले भाजपा भी कर चुकी है ऐसा ही वादा

आपको याद हो कि, सत्ता में आने से पहले भाजपा भी अतिथि शिक्षकों को नियमित करने के संबंध में आश्वासन दे चुकी है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अतिथि शिक्षकों के लिए सड़कों पर उतरने की भी बात कही थी, लेकिन अब जब भाजपा दोबारा सत्ता में है फिर भी नियमितीकरण को लेकर अब तक कोई फैसला नहीं हो सका है। वहीं, कांग्रेस जब सत्ता में थी तब अतिथि शिक्षकों को नियमितिकरण का समाधान नहीं निकाला गया, लेकिन विपक्ष में आने के बाद उसे एक बार फिर सत्ता वापसी के लिए अतिथि शिक्षकों की याद आई है।