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संविदा कर्मचारियों को मिलेगा नियमितीकरण का तोहफा, 72 हजार कर्मियों को होगा लाभ

जहां पद रिक्त हैं वहां नियमित होंगे और जहां पद नहीं वहां नए पदों का होगा गठन

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Agree on demands of bridge corporation personnel after four hours of strike

भोपाल। राज्य में कार्यरत संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने के लिए बुधवार को सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस केके सिंह की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस बैठक में संविदा कर्मचारियों को नियमित किए जाने में आ रही कठिनाईयों पर चर्चा किए जाने के साथ इसके समाधान पर भी विमर्श हुआ। विभागीय अधिकारियों से कहा गया कि जहां रिक्त पद हैं वहां 5 जून 2018 के नीति निर्देशों के तहत संविदा कर्मचारियों को नियमित किया जाए और जहां रिक्त पद नहीं हैं वहां पद स्वीकृत किए जाने के लिए प्रस्ताव भेजा जाए।

संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के लिए सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री डॉ. गोङ्क्षवद सिंह की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था। इसी कमेटी ने सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस की अध्यक्षता में अन्य विभागों के अधिकारियों की सब कमेटी गठित की। ये सब कमेटी विभागीय अफसरों से चर्चा के बाद अपनी अनुशंसा कैबिनेट सब कमेटी को देगी। इसी के तहत इस कमेटी की बैठक आयोजित की गई थी। राज्य के विभिन्न विभागों में 72 हजार से अधिक संविदा कर्मचारी हैं। कांग्रेस सरकार इन्हें नियमित किए जाने का वादा कर चुकी है। साथ ही यह निर्देश भी दिए हैं कि किसी भी संविदा कर्मचारी को नौकरी से नहीं निकाला जाए।

इन बिन्दुओं पर हुई चर्चा -

संविदा नीति के अनुसार विभागों द्वारा भर्ती नियमों में किए गए संशोधन, संविदा पर कार्यरत कर्मचारियों को समकक्ष नियमित पदों का न्यूनतम 90 प्रतिशत वेतन निर्धारित करने पर क्या कार्यवाही की गई। संविदा कर्मियों को वेतनवृद्धि का लाभ दिए, ईपीएफ कटौत्रा या राष्ट्रीय पेंशन योजना का कितना लाभ दिया गया। साथ ही हटाए गए अधिकारियों कर्मचारियों और उनको हटाए जाने का कारण क्या रहा।


नियमित करने की प्रक्रिया जल्द शुरू हो -

मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रमेश राठौर का कहना है कि सामान्य प्रशासन विभाग बैठकों का दौर समाप्त कर रिक्त पदों पर संविदा कर्मचारियों की नियुक्ति करे। जिस प्रकार से पंचायत कर्मी, शिक्षा कर्मी, गुरुजी, दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित कर दिया तो उसी प्रकार से संविदा कर्मचारियों को भी नियमित किया जाना चाहिए।