
अरे RSS की शाखाओं को लेकर ये क्या कह गए मंत्री, जानिये यहां...
भोपाल। मध्यप्रदेश में 15 साल से काबिज भाजपा को कांग्रेस ने सत्ता से बेदखल कर दिया है। इससे पहले अपने वचन पत्र में आरएसएस की शाखाएं सरकारी कार्यालयों में नहीं लगने देने सहित सरकारी कर्मचारियों की संघ शाखाओं में जाने पर रोक लगाने की बात भी कहीं थी। वहीं सरकार में आते ही विभाग मिलने से पहले ही मंत्री पद की शपथ ले चुके विधायकों ने विवादित मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं।
इसी के चलते मंत्री बनने साथ ही सज्जन सिंह वर्मा विवादों में आ गए हैं। बुधवार को उन्होंने मीडिया से चर्चा में कहा कि अब सरकारी कर्मचारियों को खुद ही समझ जाना चाहिए कि सरकार की क्या मंशा है। दंड भोगने से अच्छा है कि वे आरएसएस की शाखाओं में न जाएं।
उधर, एक और कैबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे ने कहा, सरकारी कर्मचारी या विभाग में राजनीति नहीं आनी चाहिए। राजनीतिक हस्तक्षेप बढ़ता है तो जनता का नुकसान होता है, जो करना है बाहर करें।
इसलिए वचन-पत्र में जो निर्णय लिया गया है, उस पर अमल किया जाएगा। कांग्रेस ने अपने वचन-पत्र में वादा किया है कि सरकार आने पर सरकारी कर्मचारियों की संघ शाखाओं में जाने पर रोक लगाई जाएगी।
इधर, मंत्री न बनने से नाराज कांग्रेस विधायक करेंगे राहुल गांधी से शिकायत...
वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर वरिष्ठ विधायकों की उपेक्षा का आरोप लगने लगा है। मंत्री न बनने से नाराज कुछ विधायक दिल्ली जाकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से शिकायत करने वाले हैं। नाराज विधायकों में केपी सिंह, विक्रम सिंह नातीराजा, एंदल सिंह कंषाना, बिसाहूलाल सिंह और जयस के कोटे से कांग्रेस विधायक बने डॉ. हीरा अलावा शामिल हैं।
ये विधायक मंत्रिमंडल के शपथ ग्रहण समारोह में भी राजभवन नहीं पहुंचे थे। कंषाना के समर्थकों ने चक्काजाम किया था, जबकि हीरा अलावा राहुल गांधी के कार्यालय को शिकायती मेल भेज चुके हैं। केपी सिंह फोन पर बात नहीं कर रहे हैं, तो नातीराजा का मोबाइल लगातार बंद आ रहा है।
अजय ने बंगला किया बंद, बनने लगे नए समीकरण : मुख्यमंत्री कमलनाथ की पहली कैबिनेट बैठक के दिन दिग्गज नेता अजय सिंह अपना सी-19 बंगला बंद कर गए। सात दिन पहले यही बंगला सत्ता का दूसरा पॉवर सेंटर बना हुआ था, लेकिन बुधवार को यहां ताला लगा था। पूरा बंगला सूना पड़ा था और कोई डाक रिसीव करने वाला तक नहीं था।
अजय चुरहट से चुनाव हार चुके हैं। उनके समर्थकों को उम्मीद थी कि हारने के बावजूद अजय को मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी या फिर प्रदेश अध्यक्ष का पद मिलेगा, लेकिन मंत्रिमंडल में स्थान नहीं मिलने के बाद नाराजगी झलकने लगी है। इधर अजय सिंह ने पत्रिका से कहा कि नाराजगी किस बात की? शहर से बाहर हूं, इसलिए बंगले पर कोई नहीं होगा।
Published on:
27 Dec 2018 10:13 am
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