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भोपाल को मिली कोरोना से आजादी, कोई नया केस नहीं

सावधानी फिर भी जरूरी: प्रदेश के 43 हजार बिस्तरों पर सिर्फ एक मरीज

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भोपाल को मिली कोरोना से आजादी, कोई नया केस नहीं

भोपाल. जानलेवा कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर अरसे बाद राहतभरी खबर आई है। भोपाल में 20 मार्च 2020 में कोरोना संक्रमण का मामला सामने आया था। अब 979 दिन बाद मंगलवार को राहत की खबर यह मिली कि शहर से कोरोना संक्रमण लगभग खत्म हो चुका है। मंगलवार को कोरोना के दो मरीजों की क्वारंटीन अवधि खत्म हो गई। संक्रमण की शुरुआत के बाद यह पहला मौका है, जब प्रदेश के 47 जिलों में कोरोना का एक भी संक्रमित मरीज नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही पूरा मध्य प्रदेश कोरोना संक्रमण से मुक्त हो जाएगा।

स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में कोरोना पॉजिटिविटी की दर लुढ़ककर अब 0.04 फीसदी रह गई है। मध्य प्रदेश में 2497 संदिग्ध मरीजों की कोरोना जांच की गई। इनमें से महज एक की रिपोर्ट पॉजीटिव आई। पॉजिटिव प्रकरणों में सिटी वैल्यू करीब 35 के पार मिल रही है। इसका मतलब यह है कि मरीज संक्रमण फैलाने की क्षमता नहीं रखते।

संशय अब भी है
वरिष्ठ श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. लोकेन्द्र दवे का कहना है कि कमजोर हो रहे वायरस पर डर और संशय अभी है। वायरस के म्यूटेंट होकर और घातक होने की आशंका तो हमेशा रहेगी। ऐसे में लापरवाही न बरतें। यानी सावधानी बरतने की जरूरत है। कोरोना के लक्षण हों तो जांच जरूर कराएं। दवा लें और क्वारंटीन रहें।

बिस्तरों की यह है स्थिति
कोरोना मरीजों के लिए मध्य प्रदेश में कुल 43114 बिस्तर आरक्षित किए गए हैं। इनमें बिना ऑक्सीजन वाले बिस्तरों की संख्या 7141 है। ऑक्सीजन के 24340 और आइसीयू में 11633 बिस्तर रिजर्व हैं। इनमें सिर्फ एक मरीज भी भर्ती हैं। पूरे मध्य प्रदेश की यही स्थिति है।