
शशांक अवस्थी
mp news: दुनियादारी की समझ नहीं, हर इंसान अंकल जैसे…आखिर 10 साल की बच्ची भला इससे ज्यादा क्या समझती। लेकिन, अंकल जैसे दिखने वाले दरिंदे ने गुना में बच्ची को इस कदर नोंचा कि भोपाल के हमीदिया अस्पताल (hamidia hospital) में सर्जरी करते डॉक्टरों की टीम भी सहम गई। उनकी आंखें भी नम हो गई। मासूम के शरीर पर दर्जनभर से ज्यादा नोंचने के निशान और अंदरूनी अंगों में गंभीर घाव मिले। 8 इंच तक गहरे घाव हैं। घाव भी ऐसे कि बिना अमूमन इलाज के समय भावनाओं से दूर रहने वाले डॉक्टर तक अंदर से हिल गए। अनवरत रिसता खून और दर्द से बिलखती मासूम का क्रंदन उन्हें बार-बार झकझोरता रहा। ऑपरेशन थिएटर (ओटी) में पांच सदस्यीय टीम ने डेढ़ घंटे तक मासूम की सर्जरी तो की, लेकिन उनके मुंह से यही निकला कि 25 साल में अनगिनत सर्जरी की, पर ऐसा वहशीपन नहीं देखा। डेढ़ घंटे बाद डॉक्टरों की मेहनत रंग लाई और सर्जरी सफल रही।
सर्जरी करने वाली टीम में पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. धीरेंद्र श्रीवास्तव और गायनेकोलॉजिस्ट के साथ तीन अन्य विशेषज्ञ थे। डॉ. श्रीवास्तव ने सर्जरी के बाद कहा, दुष्कर्मी हैवान से कम नहीं था। उसके कुकुर्म को ऑपरेशन टेबल पर हमारी टीम ने देखा है। हमने 25 साल में कई सर्जरी की, कई गंभीर मामले देखे, पर बच्ची से हुई यह हैवानियत देख हमारी रूह कांप उठी। बच्ची की स्थति ऐसी है कि किसी को भी देखकर वह डर जाती है। लाड़ के लिए हाथ लगाओ तो चीख पड़ती है। ऐसे हैवान को समाज में रहने का हक नहीं है। उसे ऐसी सजा दी जानी चाहिए कि कोई ऐसा करने की हिम्मत न कर सके।
गुना (gune) में बुधवार शाम मां और बेटी मक्का की फसल बेचने बाजार गई थी। इसी बीच एक युवक ने कहा, मक्का के 100 रुपए बाकी हैं। बेटी को मेरे साथ भेज दो, बकाया देकर भेज दूंगा। मां मान गई। हैवान बच्ची को लेकर गया तो वह लौटकर नहीं आया। मां ने स्थानीय लोगों के साथ उसे ढूंढ़ा, नहीं मिली तो पुलिस में रिपोर्ट की। इस बीच वन क्षेत्र में बच्ची बेहोश मिली। वह खून से लथपथ थी। दरिंदे ने उसे कई जगहों पर नोंचा था। गंभीर हालत में डॉक्टरों ने उसे राजधानी के हमीदिया अस्पताल में भेजा। यहां डॉक्टरों ने उसकी सर्जरी की। आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। एसपी ने आरोपी पर 10 हजार रुपए इनाम घोषित किया है।
डॉक्टर ने बताया, बिटिया को गहरी चोट पहुंची है। एक ओर शारीरिक और दूसरी ओर मानसिक जख्म। शारीरिक जख्मों का इलाज शुरू हो गया है। यह सफल रहा। मानसिक जख्म से उबरने में बच्ची को वक्त लगेगा।
Updated on:
09 Nov 2024 10:36 am
Published on:
09 Nov 2024 09:28 am
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