
Cyber Crime
Cyber Crime: दूसरों के आधार से फर्जी दस्तावेज बनवाकर देश के विभिन्न शहरों में बैंक खाते खुलवाने वाले आरोपी का सच सामने आ गया है। कमीशन पर साइबर ठगों को बेचने वाला गैंग का सरगना शशिकांत उर्फ मनीष ने साइबर ठगों के साथ रहकर पहले खुद फ्रॉड करना सीखा, इसके बाद गिरोह बनाकर फर्जी बैंक खाते खुलवाकर बेचने लगा। पुलिस को उसके मोबाइल में कई संदिग्ध एप मिले हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी शशिकांत ने बताया कि साइबर ठगी से मिले पैसे से पटना में बेशकीमती जमीन खरीदी है।
शहरों में मकान लेते समय खुद को फेरी लगाकर व्यापार बताता था। वहीं पुलिस टीम शशिकांत से खाते लेकर ठगी करने वाले आरोपी संजय की तलाश के लिए पटना गई है। वहां धोखाधड़ी की राशि से खरीदी गई संपत्ति का ब्यौरा जुटाएगी। पूछताछ में शशिकांत ने पटना में रखी एक डायरी का भी जिक्र किया है। उससे अहम जानकारी मिलने की उम्मीद है। पुलिस ने गिरफ्तार किए गए सात में से छह साइबर ठगों को जेल भेज दिया है। गिरोह का सरगना शशिकांत कुमार उर्फ मनीष 20 नवंबर तक रिमांड पर है।
आरोपी शशिकांत दूसरे शहरों में आने-जाने के लिए फ्लाइट से सफर करता था। वह दो से तीन महीने बाद शहर बदल देता था और हर शहर में गिरोह में नए लोगों की भर्ती कर लेता था। देश में कहीं भी रहने के दौरान वह पटना से लगातार संपर्क में बना रहता था। शशिकांत पिछले तीन साल से देश के अलग-अलग शहरों की बैंकों में खाते खुलवाने का काम कर रहा था। पहली बार भोपाल पुलिस के हत्थे चढ़ा है।
पुलिस के मुताबिक बीते दो साल में आरोपी 1800 से अधिक खाते खुलवाने के बाद बेच चुके हैं। 10 हजार रुपए प्रति खाते को बेचकर करीब 2 करोड़ रुपए कमाए हैं। गिरोह की महिला सदस्य टेलीकॉलिंग कर शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट और ऑनलाइन गेमिंग ऐप में पैसा लगाने का झांसा देकर ठगी का काम करती थी। फर्जीवाड़े से की गई कमाई परिजन को भेज दिया करते थे। उन्हें भी शक न हो इसके लिए 20-30 हजार रुपए महीने से अधिक रकम नहीं भेजते थे। आरोपियों के बैंक खातों को पुलिस ने फ्रीज कर दिया है।
शशिकांत एक खाते के 10 हजार रुपए लेता था। एक महीने में 50 से 60 फर्जी खाते खुलवाने का लक्ष्य था और 200 से 300 फर्जी खाते इस दौरा बेच दिए थे। पुलिस ने इंदौर के 400 और भोपाल के 130 फर्जी बैंक खातों और फर्जी दस्तावेज से हासिल किए गए 400 फोन नंबर को ब्लॉक करवा दिया है।
आरोपियों से पुलिस को 8 डायरी मिली है, जिसमें अब तक किए गए फर्जीवाड़े का हिसाब-किताब है। इसमें किस नाम से आधार, पैन कार्ड बनाया, कितनी सिम खरीदी और कितने खाते किस नाम से खोले गए पूरा हिसाब-किताब लिख रखा है।पुलिस का कहना है कि आरोपियों द्वारा बैंकों में खोले गए फर्जी खाते 1800 से ज्यादा हो सकते हैं। साइबर ठगों को बेचे गए इन खातों से मिली राशि दो करोड़ से ज्यादा हो सकती है। कमाई के रुपए से आरोपी अगले टारगेट तक पहुंचने से पहले छुट्टी मनाते थे।
Published on:
22 Nov 2024 05:27 pm
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