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साइबर पुलिस की इंटेलिजेंस विंग रखेगी डार्कवेब के अपराधों पर नजर

- डार्कवेब में हो रहे अपराधों पर नजर रखने के लिए साइबर पुलिस ने बनाई स्पेशल इंटेलिजेंस विंग - साइबर मुख्यालय में एडीजी की देखरेख में काम करेंगे एक्सपर्ट - स्मगलिंग से लेकर आतंकी गतिविधि और ग्रे मार्केट तक मौजूद है डार्कवेब पर

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इंटरनेट की दुनिया हमारी सोच से बड़ी और रफ्तार हमारे दिमाग से भी तेज है। इंटरनेट की दुनिया का जितना हम इस्तेमाल करते हैं और उसे जितना हम जानते हैं वो रत्तीभर भी नहीं है। क्योंकि इंटरनेट की दुनिया में ऐसे कारनामे छिपे हैं जिसे पता लगाना आम इंसान तो छोड़िए पुलिस के लिए भी बहुत दूर की कौड़ी है। डार्कवेब भी उन्हीं रहस्यों में से एक है। अंधेरे का ये मायाजाल इतना इतना खतरनाक है कि पुलिस की सख्त निगाहें और कानून के लंबे हाथ भी यहां उलझ जाते हैं। लिहाजा इस अड्डे को सबसे मुफीद मानते हुए साइबर अपराधियों ने इसका इस्तेमाल बढ़ा दिया है। जिसे एक बड़ी चुनौती मानते हुए साइबर पुलिस अब इससे निपटने के लिए बड़ी तैयारी कर रही है। दरअसल राजधानी भोपाल स्थित साइबर मुख्यालय में डार्कवेब में हो रहे अपराधों पर काम करने के लिए स्पेशल साइबर इजेंटिलेंस विंग तैयार की गई है।

एडीजी की निगरानी में कार्य करेंगे एक्सपर्ट

डार्कवेब- डीपवेब में हो रहें अपराधों पर नजर रखने के लिए विंग बनाकर काम करने की जरूरत इसलिए भी महसूस हुई क्योंकि अपराधी अब यहां काफी सक्रीय है। लिहाजा एडीजी की निगरानी में साइबर मुख्याल में शुरूआती दौर में 3 एक्सपर्ट ने काम शुरू किया है। जिसका विस्तार जल्द किया जाएगा।

आतंकी गतिविधि से लेकर पोर्न की दुनिया

दरअसल डार्कवेब पर इंटरनेट की वो अंधेरी दुनिया है जहां वैध और अवैध दोनों तरीके के काम किए जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में सक्रिय आतंकी संगठन से लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर के अपराधी भी आपसी संवाद के लिए इसी माध्यम का इस्तेमाल करते हैं। तो डेटा की ब्रिक्री से लेकर पोर्न वीडियो तक इसी दुनिया में धड़ल्ले से बेंचे खरीदे जा रहे हैं। क्योंकि पुलिस की पकड़ यहां से अभी तक काफी दूर है।
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मप्र साइबर एडीजी योगेश देशमुख से खासबात

सवाल- डार्कवेब को अपराधी मुफीद अड्डा बना रहे हैं, कितनी बड़ी चुनौती मानते हैं।

जवाब- डार्कवेब में पूरी दुनियाभर के साइबर क्रिमिनल काम करते रहते हैं। उनकी पहचान आसान नहीं होती है। लेकिन सरकारें इस पर निरंतर काम करती रहती हैं।
सवाल- डॉर्कवेब का अपराधियों से बचा कैसे जाए।

जवाब- देखिए इसको लेकर समय- समय पर एडवाइजरी की जाती है। जितनी भी महत्वपूर्ण सेवाएं देने वाली संस्थाएं हैं जैसे- बैकिंग उन्हें अपना साइबर सिक्योरिटी सिस्टम मजबूत रखने की सलाह दी जाती है।

सवाल- साइबर पुलिस ऐसे मामलों से निपटने के लिए क्या तैयारी कर रही है।
जवाब- साइबर मुख्यालय में एक साइबर इंजेलिजेंस विंग की स्थापना हो रही है। जो डार्कवेब में भी काम करेगी। जो डार्ववेब में काम कर रहे क्रिमिनल जैसे विषयों पर ही काम करेगी।