7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जारी है स्वाइन फ्लू से मौत का कहर, आज फिर चली गई दो लोगों की जान

जेपी मरीजों की जांच का जिम्मा आयुष डॉक्टर्स पर है। यहां दो डॉक्टर्स को नियुक्त किया है, जो मरीजों की जांच करते हैं।

2 min read
Google source verification

भोपाल

image

Juhi Mishra

Aug 30, 2017

Death from swine flu

Death from swine flu

भोपाल। बीते 10 सालों की तुलना में स्वाइन फ्लू इस बार सबसे ज्यादा जानलेवा साबित हो रहा है। मंगलवार को छह साल के मासूम सहित दो मरीजों की मौत हो गई। महज 19 दिन में ही 13 मरीजों की जान जा चुकी है। वहीं, शहर में मरीजों की संख्या बढ़कर 40 हो गई है। मरीज और मौत का अनुपात देखें तो बीते 10 सालों में इस बार सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। इससे पहले 2009 में हर तीन में से एक मरीज की मौत स्वाइन फ्लू के कारण हुई थी। जबकि, इस बार यह आंकड़ा और भी कम है।

सीएमएचओ डॉ. सुधीर जेसानी ने बताया कि छह वर्षीय मोहित विश्वकर्मा रैन्बो अस्पताल में भर्ती था। सागर निवासी मोहित को करीब तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती किया गया था। दूसरी मौत भोपाल निवासी 40 साल के राम प्रसाद की हुई। वे हमीदिया अस्पताल में भर्ती थे।

डेंगू के 3 मरीज मिले
डेंगू भी लोगों पर कहर बरपा रहा है। मंगलवार को डेंगू के तीन नए मरीज सामने आए हैं। शहर में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़कर 60 पहुंच गई है। इससे भी दो मरीजों की मौत हो चुकी है।

इधर मंत्री बोले- हाथ ना मिलाएं, नमस्ते कहें
स्वाइन फ्लू रोकने में नाकाम स्वास्थ्य विभाग अब लोगों से बचने की अपील कर रहा है। लोक स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह ने अपील की है कि इस बीमारी के लक्षण को पहचानें और बचने के उपाय करें। उन्होंने कहा कि लोग हाथ मिलाने के बजाय नमस्ते से अभिवादन करें। संक्रमित व्यक्ति से हाथ मिलाने पर वायरस स्वास्थ्य व्यक्ति के हाथ से होते हुए शरीर में पहुंच जाता है। उन्होंने माता-पिता से खांसी, जुकाम और बुखार पीडि़त बच्चों को स्कूल-कॉलेज न भेजने का भी अनुरोध किया। यह अपील उन्होंने विभागीय समीक्षा के दौरान की। इसे रोकने में स्वास्थ्य विभाग अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठा पाया। जेपी व हमीदिया अस्पतालों में स्वाइन फ्लू की जांच,उपचार के इंतजाम नाकाफी है। छोटे अस्पतालों में और भी बदतर।

ओपीडी नहीं, वार्ड बदहाल
जेपी मरीजों की जांच का जिम्मा आयुष डॉक्टर्स पर है। यहां दो डॉक्टर्स को नियुक्त किया है, जो मरीजों की जांच करते हैं। हमीदिया में इन मरीजों के लिए अलग से कोई ओपीडी नहीं है।कमला नेहरू में आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है, वह भी बदहाल है।