6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Diwali 2017: Dhanteras पर इस विधि से करें पूजा, चमक जाएगी किस्मत

Diwali 2017 आते ही इस बार पड़ने वाले Dhanteras के लिए बाजार में रौनक आ गयी है, इस विधि से पूजा दिलाएगी आपको सफलता ।

3 min read
Google source verification
deepawali 2017

भोपाल। दिवाली जिसे दीपावली(Deepawali) के नाम से भी जाना जाता है, मध्य प्रदेश के साथ - साथ सभी राज्यों में यह साल का सबसे प्रसिद्ध त्योहार है। यह हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, दीपावली उत्सव धनतेरस ( Dhanteras 2017 ) से शुरू होता है और भैया दूज पर समाप्त होता है। इस बार भी ये त्यौहार 17 अक्टूबर को पड़ने वाले धनतेरस से शुरू हो जायेगा। वहीं यह पर्व पांच दिनों तक मनाया जाता है। जिसका समापन भाई दूज के साथ 21 अक्टूबर को होगा।

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इन पांच दिनों के Deepavali पूजा और दीवाली(Diwali) उत्सव में कुछ खास बातों का पालन किया जाता है(Narak Chaturdashi 2017) और देवी लक्ष्मी ( mahalaxmi puja) के साथ-साथ कई अन्य देवी देवताओं की भी पूजा और अर्चना की जाती है। हालाँकि Diwali Puja के दौरान देवी laxmi सबसे महत्वपूर्ण देवी होती हैं। पांच दिनों के इस दीवाली उत्सव के दौरान अमावस्या (diwali amavasya) का दिन सबसे महत्वपूर्ण दिन( Ashwin Purnima 2017)माना जाता है और इसे लक्ष्मी पूजा (Lakshmi Puja), लक्ष्मी-गणेश पूजा (laxmi ganesh pooja) और दीवाली पूजा के नाम से जाना जाता है।

Diwali 2017 पूजा शुभ मुहूर्त और Puja टाइमिंग :
दीपावली पूजा केवल परिवारों में ही नहीं, बल्कि Office में भी की जाती है। पारम्परिक hindu व्यवसायियों जो की माता लक्ष्मी की पूजा करते है उनके लिए दिवाली पूजा का दिन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिन स्याही की बोतल, कलम और नये बही-खातों की भी पूजा की जाती है। दावात और लेखनी पर देवी महाकाली की पूजा कर दवात और लेखनी को पवित्र किया जाता है और नये बही-खातों पर देवी सरस्वती की पूजा कर कंपनी के बही-खातों को भी पवित्र किया जाता है।

दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय सूर्यास्त के बाद का होता है। सूर्यास्त के बाद के समय को प्रदोष कहा जाता है। प्रदोष के समय व्याप्त अमावस्या तिथि दीवाली पूजा के लिए विशेष महत्वपूर्ण होती है।

अतः दीवाली पूजा का दिन अमावस्या और प्रदोष के इस योग पर ही निर्धारित किया जाता है। इसलिए प्रदोष काल का मुहूर्त लक्ष्मी पूजा के लिए सर्वश्रेस्ठ होता है और यदि यह मुहूर्त एक घटी के लिए भी उपलब्ध हो तो भी इसे पूजा के लिए प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

आइये जानते है इस बार पड़ने वाली दीवाली पर महालक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त...

2017 दिवाली लक्ष्मी-गणेश पूजन शुभ मुहूर्त :-
वर्ष 2017 में दिवाली 19 अक्टूबर, वीरवार को मनाई जाएगी।

लक्ष्मी पूजन के लिए तीन मुहूर्त उपयुक्त माने जाते है।
1. प्रदोष काल मुहूर्त
2. महानिशिता काल मुहूर्त
3. चौघड़िया पूजा मुहूर्त

इन सभी मुहूर्त में लक्ष्मी पूजन करने का अपना-अपना महत्व होता है। आगे हम आपको इन तीनों मुहूर्त में पूजा का शुभ मुहूर्त विस्तार से बता रहे है। वर्ष 2017 में कार्तिक माह की अमावस्या 19 अक्टूबर 2017, वीरवार, रात्रि 00:13 से प्रारंभ होकर 20 अक्टूबर 2017, शुक्रवार, रात्रि 00:41 पर समाप्त होगी।
वर्ष 2017 में दिवाली 19 अक्टूबर,गुरुवार को मनाई जाएगी।

प्रदोष काल मुहूर्त :
लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त = 19:11 से 20:16
मुहूर्त की अवधि = 1 घंटा 5 मिनट
प्रदोष काल = 17:43 से 20:16
वृषभ काल = 19:11 से 21:06


चौघड़िया पूजा मुहूर्त :
दिवाली लक्ष्मी पूजन के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त :

प्रातःकाल मुहूर्त (शुभ) = 06:28 से 07:53
प्रातःकाल मुहूर्त (चर, लाभ, अमृत) = 10:41 से 14:55
सायंकाल मुहूर्त (अमृत, चर) = 16:19 से 20:55
रात्रि मुहूर्त (लाभ) = 24:06+ (20 अक्टूबर 2017 को 00:06) से 24:41+ (20 अक्टूबर 2017 को 00:41)

महानिशिता काल मुहूर्त :
लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त = 23:40 से 24:31+ (20 अक्टूबर 2017 को 00:31) (स्थिर लग्न के बिना)
मुहूर्त की अवधि = 0 घंटा 51 मिनट
महानिशिता काल = 23:40 से 24:31+ (20 अक्टूबर 2017 को 00:31)
सिंह काल = 25:41+ (20 अक्टूबर 2017 को 01:41) से 27:59+ (20 अक्टूबर 2017 को 03:59)