scriptDepression के मामले में नंबर-1 है MP, आत्महत्या के आंकड़े जानकर हैरान जाएंगे आप | Depression disorder kamal nath conducted suicides survey : MP number 1 | Patrika News
भोपाल

Depression के मामले में नंबर-1 है MP, आत्महत्या के आंकड़े जानकर हैरान जाएंगे आप

हालही में हुए सर्वे में खुलासा हुआ है कि, मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय औसत दर से ज्यादा लोग आत्महत्याएं करते हैं। इनमें अनपढ़ से लेकर पढ़ा लिखा तबका तक आसानी से इस आत्मघाती कदम को उठा लेता है। अब सरकार लोगों के इस फैसले को रोकने के लिए एक्शन प्लान तैयार कर रही है। आइये जानते हैं आत्महत्या के चौकाने वाले आंकड़े।

भोपालSep 21, 2019 / 12:09 pm

Faiz

sucide survey in mp

Depression के मामले में नंबर-1 है MP, आत्महत्या के आंकड़े जानकर हैरान जाएंगे आप

भोपाल/ मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने सूबे में बढ़ती आत्महत्याओं का कारण तलाशने के लिए हालही में एक सर्वे कराया। सर्वे पूरा होने के बाद सामने आए आंकड़ों ने सरकार को ही चौका कर रख दिया है।आनंद संस्थान ने जिला स्तर पर इस सर्वे के डाटा जमा किए हैं। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदेश की आत्महत्या दर देश की औसत दर से भी ज्यादा है। राष्ट्रीय स्तर पर सुसाइड रेट प्रति एक लाख पर लोगों पर 10 प्रतिशत है, जबकि मध्य प्रदेश में यही रेशो 13 फीसदी से भी ज्यादा आंका गया है। वैश्विक स्तर पर देखा जाए तो आत्महत्या के मामलों में मध्यप्रदेश 14वें स्थान पर आता है। यहां महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज्यादा आत्महत्या करते हैं। प्रदेश में आत्महत्या करने वालों में 60 फीसदी पुरुष, तो 40 फीसदी महिलाएं मौत को गले लगाते हैं।

 

पढ़ें ये खास खबर- फिर बड़े हनीट्रेप का खुलासा, सेना पहले ही कर चुकी है अलर्ट


ये है आत्महत्या का मुख्य कारण

जांच टीम ने पिछले पांच सालों के आंकड़ों के आधार पर सर्वे कराया है, जिसमें सामने आया कि, लोगों द्वारा आत्महत्या करने का सबसे बड़ा कारण पारिवारिक कलेह और असंतुष्टि पाया गया। आत्महत्या करने में लोग सबसे ज्यादा फांसी के फंदे पर झूलते हैं। 49 प्रतिशत लोग फांसी लगाकर सुसाइड करते हैं। हालांकि, इन आंकड़ों के सामने आने के बाद आत्महत्याओं के इस ग्राफ को कम करने या यूं कहें कि, पूरी तरह रोकने के लिए सरकार अब एक्शन प्लान तैयार कर रही है। अलग-अलग विभागों की भूमिका तय करने के साथ ही आनंद संस्थान को समन्वय करने का काम सौंपा गया है। साथ ही पारिवारिक कलेह के मामलों में सामने आई शिकायत पर गंभीरता से सुलह कराने पर जौर दिया जाएगा।

 

पढ़ें ये खास खबर- बाढ़ और बारिश से हाहाकार, इतिहास के सभी रिकॉर्ड टूटे, 1 लाख से ज्यादा लोग अब तक बेघर


ये एक्शन प्लान तैयार कर रही है सरकार

आत्महत्या के कारण सामने आने के बाद से ही सरकार की चिंता बढ़ गई है। आत्महत्या के कारणों को दूर करने के लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की जा रही है। समन्वय का काम रिपोर्ट तैयार करने वाला आनंद संस्थान करेगा। सर्वे के दौरान प्रदेश के 18 जिलों में आत्महत्या के सबसे ज्यादा आंकड़े सामने आए हैं। आनंद संस्थान को इन जिलों पर खास फोकस करने के निर्देश दिये गए हैं। संस्थान ने इस खास जिलों से काम की शुरुआत भी कर दी है। यहां प्राथमिक तौर वालेंटियर्स जाकर लेागों में जीवन के प्रति जागरूकता और तनाव से ग्रस्त होकर आत्महत्या की ओर आकर्षित होने वाले व्यक्ति के लक्षण के बारे में भी लोगों को बताया जा रहा है, ताकि संदिग्ध व्यक्ति की पहचान कोई भी व्यक्ति कर सके। साथ ही साथ, तनाव ग्रस्त व्यक्ति की काउंसिलिंग कर सके।

 

पढ़ें ये खास खबर- लंबे समय तक बने रहेंगे चुस्त तंदुरुस्त और जवान, बस रोज़ाना सिर्फ 10 मिनट करलें ये 3 आसन


एक्शन मोड में सरकार

सामने आए आत्महत्या के आंकड़ों पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश के गृहमंत्री बाला बच्चन ने कहा कि, आत्महत्या की जो वजह सामने आई हैं, उनको सरकार ने गंभीरता से लिया है। प्रदेश में एक भी मौत होना बेहद दुखद है। इस रिसर्च के आधार पर सरकार एक्शन प्लान तैयार कर रही है। जल्द ही इन आंकड़ों में सुधार होगा। इसके अलावा, राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल ने कहा कि, पिछले पांच साल के डाटा पर हमने अलग-अलग वर्ग, प्रोफेशन, आर्थिक स्तर, सामाजिक स्तर के आधार पर आत्महत्या के कारणों को तलाश किया है। हमारे वालेंटियर्स लगातार लोगों को जागरूक भी कर रहे हैं। जल्द ही, बेहतर परिणाम हमारे सामने होंगे।

 

पढ़ें ये खास खबर- अब बाज़ार में नहीं दिखेगी E-Cigarette, मोदी सरकार ने लगाया Ban


इन क्षेत्रों में इतने फीसदी लोग करते हैं आत्महत्या: सर्वे

Home / Bhopal / Depression के मामले में नंबर-1 है MP, आत्महत्या के आंकड़े जानकर हैरान जाएंगे आप

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो