जमीन पर दिखने लगे तो काशी और काशीवासियों के लिए है बेहतर मौका। चाहे आधारभूत ढांचे का सवाल हो या व्यक्ति और समूहों का। इन दिनों केंद्र और राज्य सरकार की लगी है होड़। इसके पीछे है 2017 विधानसभा चुनाव। विधानसभा चुनाव से पूर्व हुए पंचायत चुनाव में जिस तरह से भाजपा की किरकिरी हुई पूरे प्रदेश में उससे कहीं न कहीं भाजपा खेमे में बेचैनी है। खास तौर पर प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी को लेकर भाजपा हो या सपा दोनों ही एक दूसरे पर नजरें गड़ाए है। अच्छा यह कि दोनों ही का एजेंडा विकास है। इसके लिए दोनों ही एक दूसरे को पटकनी देने का कोई मौका हाथ से जाया नहीं होने देना चाहते। इसका ताजा तरीन उदाहरण है विकलांगों को उपकरण वितरण। इसमें पीएम ने सीएम को मात दे दी है।