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कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव से फैलता है वायरस! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

क्या मृत शरीर से भी कोरोना वायरस फैल सकता है?

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भोपाल

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Tanvi Sharma

May 20, 2020

कोरोना संक्रमित व्यक्ति के शव से फैलता है वायरस! जानें क्या कहते हैं विशेषज्ञ

भोपाल। कोरोना वायरस का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश में कोरोना मरीजों की संख्या 5 हजार के पार पहुंच गया है, इसके साथ ही प्रदेश में मरने वालों की संख्या 250 के पार पहुंच चुकी है और मौत के आंकड़े भी बढ़ रहे हैं।

कोरोना वायरस एक दूसरे से फैलता है। जितने लोग संक्रमित के संपर्क में आएंगे ये उतने ही फैलता जाएगा। इसलिए कोरोना संक्रमित मरीजों के मरने के बाद उनके शव को प्लास्टिक से कवर किया जाता है और उसे परिवार जनों को छूने की अनुमति नहीं है, बल्कि दूर से अंतिम संस्कार किया जा रहा है। क्योंकि लोगों को इस बात का डर है की कहीं शव से भी कोरोना ना फैल जाए, तो आइए जानते हैं क्या मृत शरीर से भी कोरोना वायरस फैल सकता है?

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दरअसल, स्वास्थ्य रिपोर्टों के मुताबिक, मानव शव वायरस कैरियर नहीं है। वहीं विशेषज्ञों को इस बारे में कहना है कि, कोई भी वायरस एक कोशिका से सिस्टम पर कब्जा करने के बाद बॉयोमॉलिक्यूल्स यानी जैविक अणु प्रोड्यूस करवाता है। आखिर में वह कोशिका खुद फट जाती है और वायरस के तत्व या पार्टिकल्स फैल जाते हैं। लेकिन किसी भी वायरस को फैलने के लिए एक ऊर्जा की जरुरत होती है, जो कि मृत शरीर में नहीं होती।

इससे यह मानना गलत होगा की इंसान की मृत्यु होने के बाद उसके शरीर से वायरस फैलता है। हां, मरने के बाद इंसानी शरीर के तरल पदार्थ जैसे खून, सलाइव, बलगम आदि में वायरस हो सकता है। इसीलिए अंतिम संस्कार को लेकर दिशानिर्देश निर्धारित किए गए हैं।

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अंतिम संस्कार से नष्ट हो जाता है वायरस

विशेषज्ञ ने बताया कि, अगर किसी संक्रमित व्यक्ति के शव से तरल पदार्थ जैसे खून, सलाइव, बलगम आदि निकलते हैं तो वायरस फैल सकता हैं। विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद जितना जल्दी हो सके उसके शव का अंतिम संस्कार कर देना चाहिए क्योंकि चिता का तापमान करीब 1000 डिग्री सेल्सियस होता है, जिसमें वायरस का नष्ट हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO) के अनुसार

WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना मरीज की डेड बॉडी से वायरस नहीं फैलता। ये मिथ है। ऐसा कोई केस सामने नहीं आया कि कोरोना के मरीज की लाश छूने वाला संक्रमिता हुआ हो, क्योंकि वायरस परजीवी है तो मरीज के मरने पर खुद खत्म हो जाता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, कुछ ही वायरस ऐसे होते हैं जो मृत कोशिकाओं के अंदर भी अपना उत्पादन जारी रख सकते हैं, लेकिन कोरोना के मामले में तो खांसने, छींकने, सांस छोड़ने के दौरान जो पार्टिकल्स निकलते हैं उससे संक्रमण फैलता है और मृत शरीर सांस तो ही नहीं लेता है। इसलिए शव से संक्रमण फैलने की संभावना न के बराबर होती है।