
Diwali Market Alert: दीपावली पर घर पर लक्ष्मी के आगमन की तैयारी में जुटे लोग भगवान के साथ भी धोखा कर रहे हैं। दुकानदार से लेकर खरीदार तक इसमें शामिल हैं। मां लक्ष्मी-गणेश और अन्य देवी-देवताओं को अर्पित की जाने वाली सामग्रियों में मिलावट है। कपूर से लेकर सिंदूर तक नकली बिक रहे हैं।
दीप जलाने के लिए तिल का तेल या देशी घी हो सबकी क्वालिटी घटिया है। हवन सामग्री, रोली, कुमकुम, पूजा की हल्दी आदि की शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है।
बाजार में तिल 120 से 150 रुपए किलो है। १ किलो तिल में 400 ग्राम तेल निकलता है। लेकिन तेल 100 से 120 रुपए में लीटर मिल रहा है। वहीं दीप दृव्य के नाम से हवन के लिए बिक रहे देशी घी 400 रुपए प्रति किलो तक बिक रहे हैं। इन्हें पूजा के लिए लिखकर बेच रहे हैं। जबकि, ब्रांडेड कंपनियों के शुद्ध घी की कीमत 2000 रुपए किलो तक है।
असली सिंदूर नेचुरल होता है, जिसे पेड़ों से तोड़ते हैं। नकली सिंदूर लेड और सिंथेटिक रंगों से बनता है। फूंकने पर असली सिंदूर हाथों से उड़ जाता है। नकली सिंदूर के कुछ पार्टिकल्स हाथों पर चिपके रहते हैं।
नकली कलावा सिंथेटिक धागे का होता है। असली कलावा आसानी से टूट जाता है। नकली कलावा तोडऩे में बहुत जोर लगाना पड़ता है।
असली कपूर की खूशबू काफी तेज होती है। यह जलने के साथ पिघलता है। और इसमें राख नहीं बचती। नकली कपूर फ्रेग्नेंस फ्री होता है।
दिवाली पर रूई की बाती अहम पूजा सामग्री है। कपास की रुई की जगह आजकल सिंथेटिक रूई से तैयार बाती 10 से 15 रुपए में बाजार में मिल रही है।
नकली और मिलावटी खाद्य सामग्री को लेकर लगातार कार्यवाही की जाती है, जहां तक पूजन सामग्री में मिलावट और नकली सामग्री की बात है, इस संबंध में अब तक कोई शिकायत नहीं आई है। यदि कहीं से शिकायत आती है तो कार्रवाई करेंगे।
-डीके वर्मा, खाद्य सुरक्षा अधिकारी
Published on:
28 Oct 2024 11:20 am
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