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वहां एंबुलेंस का रास्ता रोकने पर कैंसिल हो सकता है ड्राइविंग लाइसेंस, भोपाल में कब?

कर्नाटक सरकार ने एक आदेश पारित करते हुए कहा है कि मरीज को हॉस्पिटल ले जाते हुए एम्बुलेंस के रास्ते में जो भी ड्राइवर अवरुद्ध उत्पन्न करेगा उसका लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है। 

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Amitabh Gunjan

Oct 10, 2015

Fine on emergency vehicle prevention

Fine on emergency vehicle prevention

भोपाल. कर्नाटक सरकार ने एक आदेश पारित करते हुए कहा है कि मरीज को हॉस्पिटल ले जाते हुए एंबुलेंस के रास्ते में जो भी ड्राइवर अवरुद्ध उत्पन्न करेगा उसका लाइसेंस कैंसिल किया जा सकता है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने ट्रैफिक ज्यादा रहने के वक़्त मरीज को समय पर उपचार मिलना काफी मुश्किल हो जाता है. इसलिए ये नियम सख्ती से लागू करना बहुत जरुरी है. लेकिन अगर हम बात भोपाल की करें तो यहां ऐसी व्यवस्था कब होगी? भोपाल की सड़कों पर अक्सर ये देखा जाता है कि ट्रैफिक में एंबुलेंस फंसने के वक़्त कोई ओवरटेक करने में लगा होता है तो कोई गाड़ी साइड देने में आनाकानी दिखाता है, इतना ही नहीं कुछ गाड़ी जाम से निजात पाने के चक्कर में एंबुलेंस के ठीक पीछे चिपककर चलने लगते हैं।

हॉस्पिटल नहीं पहुंचने से 17 लाख लोगों की हो जाती है मौत
भारत के जाने-माने हृदयरोग विशेषज्ञ और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में मानक महासचिव के तौर पर काम करने वाले डॉ केके अग्रवाल का कहना है कि देश में हर साल 24 लाख लोगों की मौत अचानक दिल का दौरा पड़ने से होती है, जिसमें से 17 लाख लोग ऐसे हैं, जो समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पाते हैं और अगर ये लोग समय पर अस्पताल पहुंच जाएं तो इनमें से 12 लाख लोगों की जानें बचाई जा सकती है।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने विधानसभा में 150 अतिरिक्त आरोग्य कवाचा एंबुलेंस का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यात्रियों से बीमार लोगों को ले जा रहे एंबुलेंस के लिए मानवता के आधार पर रास्ता बनाने का आग्रह किया गया है. जो इसका पालन नहीं करेगा हम उसका लाइसेंस रद्द करने पर विचार कर रहे हैं। इस संबंध में परिवहन विभाग और पुलिस को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि परिवहन नियमों के अनुसार, सभी यात्रियों को एंबुलेंस के लिए रास्ता बनाकर सड़क के किनारे होना अनिवार्य है। राज्य में वाहनों की बढ़ती संख्या के साथ यातायात में वृद्धि हुई है, जिसके कारण मरीजों को समय पर चिकित्सीय सहायता प्राप्त कराना एक बड़ी चुनौती बन गई है। सिद्धारमैया ने घोषणा करते हुए कहा कि जो एंबुलेंस 3 लाख किलोमीटर से अधिक की दूरी तय कर चुके हैं उनकी जगह जल्द ही एक नई एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाएगी।

एनडीटीवी इंडिया चलाता है मुहिम
एनडीटीवी इंडिया राइट-लेन को बनाइए लाइफ-लेन नाम से मुहिम चलाता है, जिसकी तारीफ परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी कर चुके हैं। इस संबंध में गडकरी भी कह चुके हैं कि वो इसे गंभीरता से लेंगे और मोटर व्हीकल एक्ट में बदलाव करके एमरजेंसी सर्विस की राह आसान करेंगे।