31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

टापू बन गया सागर, बीना नदी में बाढ़ से कई रास्ते बंद

कई घंटों से हो रही तेज बारिश, 24 घंटों में बरसा 6 इंच पानी

2 min read
Google source verification
sagar_flood.png

24 घंटों में बरसा 6 इंच पानी

भोपाल. एमपी में भारी बरसात का दौर जारी है। प्रदेश के सागर में सर्वाधिक और रिकार्ड बरसात हुई। यहां महज 24 घंटों में 6 इंच पानी गिर गया। सागर जिला मुख्यालय भी टापू जैसा बन गया। कई रास्ते पानी से भर गए हैं और कई शहरों कस्बों से संपर्क टूट गया है। देश की राजधानी दिल्ली की बाढ़ delhi flood जैसी शहर के कई इलाके पानी में डूब गए हैं।

सागर में शनिवार सुबह से शुरु हुई बारिश अभी भी जारी है। लगातार और तेज बारिश के कारण जिले के कई इलाके पानी में डूब गए हैं। नदी-नाले उफान पर आ चुके हैं। जिले की सुनार, बीना, धसान नदियों में बाढ़ जैसी स्थिति है। सभी नाले उफान पर आ गए हैं।

यहां की सबसे प्रमुख नदी बीना नदी में उफान आ गया है। इसके कारण खुरई राहतगढ़ मार्ग बंद हो गया है। इसके अलावा कई कस्बों गांवों से संपर्क टूट चुका है। शाहगढ़ में एक युवक अमित जैन लांच नदी में बह गया। जिला प्रशासन ने शनिवार की छुट्‌टी कर दी थी हालांकि घोषणा देर से होने से कई बच्चे स्कूल पहुंच गए थे।

इससे पहले सागर में 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश 4 जुलाई 2005 को हुई थी- कलेक्टर दीपक आर्य ने भारी बारिश से उत्पन्न हुए हालात का जायजा लिया। इससे पहले सागर में 24 घंटे में सबसे अधिक बारिश 4 जुलाई 2005 को हुई थी। तब यहां 18.4 इंच पानी गिरा था।

शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती कटरा इलाके में भी ढाई फीट तक पानी भर गया- बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सड़क पर 3 फीट तक पानी भर गया। शहर के हृदय स्थल तीन बत्ती कटरा इलाके में भी ढाई फीट तक पानी भर गया। तिरुपति पुरम कॉलोनी, शुक्रवारी शिवाजी वार्ड जवाहरगंज वार्ड वैशाली नगर तहसीली जैसे इलाके पानी में डूब गए हैं।

भारी बरसात से प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं। बडवानी में राजघाट पर नर्मदा उफान पर है। यहां आसपास के कई गांवों को खाली करा लिया गया है और प्रशासन लगातार निगाह रख रहा है। बुरहानपुर में ताप्ती में उफान आया था हालांकि पानी अब कुछ कम हुआ है। मुरैना में चंबल उफान पर है लेकिन खतरे के निशान से नीचे है। उज्जैन में क्षिप्रा का पानी धीरे—धीरे कम हो रहा है।