
धूल साफ करने वाली स्वीपिंग मशीनें उड़ा रही हैं धूल, कोलार में बढ़ा प्रदूषण
जबकि सडक़ों से उड़ती धूल को रोकने के लिए नगर निगम की चार स्वीपिंग मशीनें ही सफाई के दौरान इतनी धूल उड़ाती है कि उसके गुबार साफ देखे जा सकते हैं। बताया गया कि धूल उडऩे की शिकायत के कारण ही निगम इन्हे दिन की जगह रात में चला रहा है। हाल यह है कि लोग उड़ती धूल के कारण लोग इसके पास से नहीं गुजरते हैं। करोड़ों की लागत से खरीदी गई मशीनों के संचालन पर भी खासा खर्च किया जा रहा है,लेकिन 50 फीसदी धूल उठ रही है।
दिन में हो चुकी योजना फेल
बताया गया कि लाखों रुपए इसके संचालन व मेंटेनेंस पर खर्च करने के बाद स्वीपिंग मशीनें रात में चलने के कारण दिखाई नहीं देती थी। बीच में निगम ने इन्हे दिन में चलाना शुरू किया था। लालघाटी साइड पर जब उड़ते धूल के गुबार के कारण हो रही दिक्कतों पर लोगों ने शिकायत की तो इसे फिर से रात में शुरू कर दिया गया। लोगों का कहना है कि प्रदूषण और धूल मुक्त शहर बनाने के लिए चलाई गई स्वीपिंग मशीनों की व्यवस्था से सिर्फ मोटी धूल ही उठ रही है। इसके फेन चलने से धूल वेक्यूम में खिंचने की जगह उड़ती अधिक है।
रहवासी क्षेत्र में योजना फेल
पड़ताल में सामने आया कि रात में यह मशीनें लिंक रोड, नर्मदापुरम रोड, इंदौर रोड, गांधी नगर, एयरपोर्ट रोड, लालघाटी आदि राष्ट्रीय राजमार्गो पर ही चलती हैं। रहवासी क्षेत्र और शहर के अंदर से मुख्य मार्गो पर गड्ढे होने के कारण इन्हे वहां नहीं चलाया जाता है। मशीन पर कार्यरत वाहन चालकों ने बताया कि वहां चलाने में धूल इससे अधिक उड़ेगी।
किराया पढ़ रहा था महंगा
बताया गया कि पहले यह स्वीपिंग मशीने स्मार्ट सिटी के तहत किराए पर चल रही थी, जिसका किराया बहुत अधिक होने के चलते नगर निगम ने तीन मशीनों को खरीद लिया था, जबकि एक मशीन उसे केंद्र से मिली थी। तीनों मशीनों के संचालन व मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ठेका कंपनी के पास थी। इस दौरान निगम ने अपने कर्मचारियों को ट्रेंड कर दिया है। अब निगम ही इसका मेंटेनेंस व संचालन कर रहा है।
ऐसी कोई दिक्कतों को लेकर शिकायत तो नहीं मिली है। सफाई के दौरान मार्ग सूना मिले। इस लिए रात में इसे शुरू किया गया है। अगर इसके कारण धूल अधिक उड़ रही है तो मैं चेक करवा लेता हूं।
विनित तिवारी, अपर आयुक्त नगर निगम
Published on:
21 Jan 2024 07:34 pm
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