
Saurabh Sharma Case: मध्यप्रदेश में पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। ईडी के द्वारा 27 दिसंबर को छापेमारी की कार्रवाई की गई थी। जिसमें सर्चिंग के दौरान कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। ईडी की ओर से इस मामले में बड़ा खुलासा किया गया है।
27 दिसंबर को ईडी के द्वारा भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में अलग-अलग ठिकानों पर सर्चिंग के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए थे। जिसमें सौरभ के सहयोगी चेतन सिंह गौर के नाम पर 6 करोड़ रुपये से अधिक की एफडी मिली है। साथ ही परिवार के सदस्यों और कंपनियों के नाम पर चार करोड़ रुपए से अधिक का बैंक बैलेंस भी मिला है। वहीं, 23 करोड़ रुपए से अधिक की अचल संपत्ति के दस्तावेज ईडी के हाथ लगे हैं। जिन्हें जब्त कर लिया गया है।
ईडी को तलाशी के दौरान यह भी पता चला है कि सौरभ शर्मा ने भष्ट्राचार के जरिए कमाए गए पैसे से संपत्ति खरीदी थी। जब वह परिवहन विभाग में कांस्टेबल के पद पर कार्यरत थे। साथ ही इससे पहले की गई कार्रवाई में सौरभ शर्मा के करीबी चेतन सिंह गौर के वाहन से आयकर विभाग भोपाल को 52 किलो सोना और 11 करोड़ रुपए जब्त किए गए थे। हालांकि, अभी मामले की जांच की जा रही है।
आरटीआई एक्टिविस्ट संकेत साहू ने आरोप लगाया है कि आरक्षक नरेंद्र भदौरिया, गौरव पाराशर, हेमंत जाटव और धनंजय चौबे के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत की गई है। इन चारों की जल्द ही जांच हो सकती है। बताया जा रहा है कि यह चारों सौरभ के लिए बैरियल से वसूली का काम करते थे। इसमें हैरानी वाली बात यह है कि सौरभ शर्मा का केस खुलते ही चारों आरक्षकों ने सोशल मीडिया से अपने अकाउंट को डिलीट कर दिया है।
Updated on:
30 Dec 2024 07:14 pm
Published on:
30 Dec 2024 07:07 pm
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