
MP Government School : स्पेशल केयर की नहीं, जरूरत है पहाड़ से मजबूत हौसलों की। राजधानी के स्कूलों में दिव्यांग बच्चे सामान्य स्कूली छात्रों के साथ पढ़ाई कर रहे हैं। भोपाल के तीन सरकारी स्कूलों के इस प्रयोग ने दिव्यांग बच्चों की पढ़ाई को नई दिशा दी है। जिला शिक्षा अधिकारी एनके अहिरवार का दावा है कि इस प्रयोग से दिव्यांग बच्चों की दिनचर्या में न सिर्फ सुधार आया, बल्कि उनका मानसिक विकास भी तेज हुआ है।
विशेष स्कूलों(MP Government School ) के विकल्प की कवायद स्कूल शिक्षा विभाग का यह प्रयोग प्रदेश में विशेष स्कूलों की जरूरत का विकल्प भी साबित हो सकता है। दिव्यांग बच्चे यदि सामान्य छात्रों के साथ पढ़ेंगे तो उनमें अपेक्षाकृत ज्यादा सुधार दिखेगा।
केस-1 : राजाभोज स्कूल भोपाल के राजाभोज स्कूल(MP Government School ) के प्राइमरी से शन में चालीस बच्चों के साथ 3 स्पेशल चाइल्ड का दाखिला किया गया। वे कक्षा की हर एक्टिविटी में शामिल होते हैं। प्राचार्य अमृत सिंह बताती हैं कि 6 माह में वे बच्चे सामान्य छात्रों के जैसे पढ़ाई कर रहे हैं।
केस-2 : नवीन स्कूल भोपाल के बागसेवनियां में नवीन हायर सेकंडरी(MP Government School ) में कक्षा नौंवी में 43 बच्चे के बीच तीन दिव्यांग छात्रों को प्रवेश दिया गया। दृष्टिबाधित बच्चों के लिए स्पेशल टीचर डॉ. हरगोविंद वहां पदस्थ किए गए। उन बच्चों में सामान्य छात्रों के समान ही ग्रोथ दिखा।
Published on:
05 Nov 2024 02:20 pm
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