
टिकट!
भोपाल। भारतीय जनता पार्टी की ओर से चुनावों को लेकर बरती जा रही सावधानी के बीच कई नेताओं व मंत्रियों के टिकट कटने की बात सामने आ रही है। विभिन्न तरह की बातों के बीच यह कहा जा रहा है कि जनता में छवि को सुधारने के चलते भाजपा ये खास कदम उठा सकती है।
दरअसल मध्यप्रदेश में इस वर्ष यानि 2018 में होने वाले विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरु चुकी है। ऐसे में भाजपा अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के नारे 'अबकी बार 200 पार' को पूरी तरह लागू करने की कोशिशों में जुट गई है।
पूर्व में भाजपा के आंतरिक सर्वे में यह बात भी सामने आई कि कई विधायकों के खिलाफ भारी जन आक्रोश है और मौजूदा स्थिति में यदि उन्हें टिकट दिया जाता है तो उनका जीतना संभव नहीं दिख रहा है। ऐसे में शिवराज सरकार के कुछ केबिनेट मंत्रियों के टिकट भी खतरे में दिखाई दे रहे हैं।
ये हैं वे मंत्री और इसका कारण...
माना जा रहा है इस बार कुसुम मेहदेले और हर्ष सिंह को स्वास्थ्य कारणों के चलते टिकट नहीं दिया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर एंटी इनकंबेंसी के चलते क्षेत्र में बढ़ता हुआ जनाक्रोश भी कई मंत्रियों के टिकट कटवा सकता है।
सामने आ रही सूचनाओं के अनुसार ऐसे मंत्रियों में वित्त मंत्री जयंत मलैया, वन मंत्री गौरीशंकर शेजवार, उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया, नगरीय प्रशासन मंत्री माया सिंह, ऊर्जा मंत्री पारस जैन, खाद्य नागरिक आपूर्ति मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे ,कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, स्वास्थ्य मंत्री रुस्तम सिंह, पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा,चिकित्सा शिक्षा मंत्री शरद जैन के नाम शामिल बताए जाते हैं।
हालांकि संघ में अपनी पकड़ के चलते जयभान सिंह पवैया टिकट के प्रति आश्वस्त हैं, वहीं माया सिंह को लेकर कहा जा रहा है कि वे अपना क्षेत्र बदल सकती हैं। वहीं बालाघाट क्षेत्र के पंवार बैल्ट होने के चलते गौरीशंकर बिसेन को लेकर भी असमंजस्य की स्थिति है।
इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कई ऐसे मंत्री भी शामिल है जिन्होंने क्षेत्र में न केवल जनता से सीधा संवाद लगातार कायम रखा बल्कि अपनी पकड़ और ज्यादा मजबूत की है । ऐसे मंत्रियों में जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा, उद्योग मंत्री राजेंद्र शुक्ल, पंचायत और ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव, गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह, खेल एवं युवक कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया, महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनीस, तकनीकी शिक्षा मंत्री दीपक जोशी और स्कूल शिक्षा मंत्री विजय शाह शामिल हैं।
वहीं सूत्रों के अनुसार जयंत मलैया ,गोपाल भार्गव,गौरीशंकर बिसेन और गौरीशंकर शेजवार अपने अपने पुत्र या पुत्री को टिकट दिलाने की कोशिश कर सकते हैं, जबकि मध्य प्रदेश के कद्दावर नेता और बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय अपने पुत्र को टिकट दिलाने के लिए दम खम लगाते नजर आ सकते हैं।
हालांकि माया सिंह और रुस्तम सिंह भी उन मंत्रियों में शामिल है जो अपने अपने पुत्रों के लिए इस बार टिकट की मांग रख सकते हैं। जबकि कुछ जानकारों का मानना है कि इस बार केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह के पुत्र भी ग्वालियर के किसी क्षेत्र से दावेदारी पेश कर सकते हैं।
Updated on:
17 Jun 2018 11:04 am
Published on:
17 Jun 2018 10:46 am
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