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कर्मचारी की नियुक्ति और पदस्थापना आदेश आरटीआई के दायरे में

जानकारी न देने पर वाणिज्यिक कर विभाग की लोक सूचना अधिकारी पर कार्यवाही

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भोपाल। शासकीय अधिकारी, कर्मचारी (Employee) की नियुक्ति और पदस्थापना (appointment) आदेश को आरटीआई के तहत देने से इंकार नहीं किया जा सकता। मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। साथ हीजानकारी को गलत ढंग से रोकने के लिए सिंह ने वाणिज्यिक कर विभाग की लोक सूचना अधिकारी, असिस्टेंट कमिश्नर भावना शर्मा के विरुद्ध ना केवल 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है बल्कि यह भी स्पष्ट किया है कि शासकीय सेवा में नियुक्ति की प्रक्रिया पारदर्शी होने के लिए यह बेहद जरूरी है की नियुक्ति की जानकारी आरटीआई के तहत दी जाए।

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने फैसला सुनाते हुए यह साफ किया अप्वाइंटमेंट लेटर की जानकारी आरटीआई अधिनियम के तहत देने से सरकारी भर्ती में होने वाली धांधली पर रोक लगेगी। सिंह ने कहा कि नियुक्ति पत्र में मात्र अधिकारी या कर्मचारी के नियुक्ति के आदेश के साथ सेवा शर्तों की जानकारी होती है। और यह जानकारी व्यक्तिगत श्रेणी में नहीं हो सकती है क्योंकि यह कानूनों नियमों के अनुरूप ही होती है। इसके अलावा नियुक्ति पत्र में वेतन की जानकारी होती है और वेतन की जानकारी पूर्व से ही सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत वेबसाइट पर विभाग के द्वारा स्वतः देने का कानूनन व्यवस्था है। ऐसे में इस जानकारी को भी व्यक्तिगत नहीं कहा जा सकता।

यह है मामला -

सतना के विकास मिश्रा ने एक आरटीआई लगाकर वाणिज्यिक कर विभाग सतना में कार्यरत एक कर्मचारी गजेंद्र मिश्रा की नियुक्ति पत्र एवं पदस्थापना की जानकारी मांगी। पर विभाग में कार्यरत भावना शर्मा लोक सूचना अधिकारी असिस्टेंट कमिश्नर वाणिज्यिक कर ने गजेंद्र मिश्रा से जानकारी नहीं देने के लिए आपत्ति बुला करके इस आधार पर जानकारी देने से मना कर दिया कि चाही गई जानकारी गजेंद्र मिश्रा की व्यक्तिगत जानकारी है। इसके बाद मामला प्रथम अपील में विभाग के ही संभागीय उपायुक्त के पास पहुंचा उपायुक्त ने प्रकरण में जानकारी देने के आदेश जारी कर दिए। पर इस आदेश के बावजूद भी लोक सूचना अधिकारी ने जानकारी नहीं दी।