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घर पर खोला बैंक, मां और भाई के खातों में डाली योजनाओं की राशि

रोजगार सहायक का फर्जीवाड़ा: सीईओ ने जारी किया सेवा सामाप्ति का नोटिस

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घर पर खोला बैंक, मां और भाई के खातों में डाली योजनाओं की राशि

घर पर खोला बैंक, मां और भाई के खातों में डाली योजनाओं की राशि

भोपाल/औबेदुल्लागंज. ग्राम पंचायत डुंगरिया के रोजगार सहायक ने फर्जीवाड़े की सभी हदें पार कर दीं। रोजगार सहायक ने एक बैंक का कियोस्क अपने घर में स्वयं के नाम पर खोल लिया और सरकारी राशि लेने के लिए अपनी मां को ही वेंडर बना दिया। इतना ही नहीं रोजगार सहायक ने सगे भाई के खाते मेें योजनाओं के हजारों रुपए डाले। इसके अलावा रोजगार सहायक सरपंच के हस्ताक्षर भी स्वयं कर रहा था। ग्राम पंचायत की अनियमितताओं की जांच कर रहे अधिकारी भी रोजगार सहायक की अनियमितता देखकर दंग हैं। तीन साल पहले कच्चे मकान में रहने वाला रोजगार सहायक अचानक दो मंजिला मकान व दो चार पाहिया वाहनों का मालिक बन बैठा।

जपं औबेदुल्लागंज के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत डुंगरिया के ग्रामीणों ने जिला पंचायत सीईओ से ग्राम में हुए विकास कार्यों में अनियमितताओं की जांच करने की मांग की थी। जिसके बाद सीईओ ने जांच के लिए एक टीम का गठन किया था। टीम ने एक दर्जन बिंदुओं पर अनियमितताओं को सही पाया है। जनपद सीईओ नवल मीणा ने रोजगार सहायक नेपाल ङ्क्षसह को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि क्यों न उनकी सेवाएं सामाप्त कर दी जाएं।

अपने ही घर को बनाया पंचायत भवन

रोजगार सहायक ने अपने ही मकान को किराए पर दर्शाकर पंचायत भवन खोला। जांच में पाया गया कि रोजगार सहायक ने गांव में ही 50 गुणा 30 का भवन सरकारी राशि में फर्जीवाड़ा कर बनाया है। वहीं भाई गोपालङ्क्षसह के नाम पर 2 चार पाहिया वाहन भी लिए गए।

रोजगार सहायक नेपाल सिंह

आईडीएफसी बैंक का कियोस्क अपने घर में स्वयं के नाम से खोलकर संचालित जा रहा था। सीईओ मीणा ने बताया कि जब भी सरकारी राशि पंचायत के खाते में डाली जाती, रोजगार सहायक कियोस्क के माध्यम से राशि का ट्रांफसर मजदूरों के अंगूठे लगवाकर अपने खाते में कर लेता था। वहीं सामग्री का वेंडर भी अपनी मां को बना रखा था। वह इसके खातों में सीधी राशि डालकर निकाल रहा था।

60 लाख रुपए डाले मां के खाते में

नेपालङ्क्षसह ने अपनी मां के नाम गीतादेवी ट्रेडर्स की दुकान खोली। जिसमें मनरेगा योजना में दस लाख दस हजार रुपए, पंच परमेश्वर योजना से 36.99 लाख रुपए, प्रिया साफ्ट पोर्टल से 12.95 लाख रुपए डाले। मां के खाते में कुल 60.0४ लाख रुपए डाले गए। वहीं भाई गोपालङ्क्षसह अहिरवार के खाते में 5.25 लाख रुपए का भुगतान किया गया।

लाखों का फर्जीवाड़ा

पौधरोपण कार्य में पंचायत ने 15.30 लाख स्वीकृत किए जिसमें 8.41 लाख रुपए मजदूरी पर भुगतान बताया। जबकि जांच में दस फीसदी ही पौधे मौके पर पाए गए, साथ ही पांच साल के प्रोजेक्ट की राशि एक ही वर्ष में निकाल ली गई। वहीं 6.33 लाख रुपए शौचालय निर्माण में जांच में अनियमितता पाई गई। खेल मैदान के नाम पर भी करीब दस लाख रुपए मिट्टी एवं लेवलिंग के काम पर निकाल लिए गए।

- मां को वेंडर बनाकर राशि डाली व भाई के खाते में पैसे डाले है यह सही है, लेकिन यह सब सहूलियत के लिए व्यवस्थाएं की थीं। मैंने गांव में कई अच्छे काम किए है। कुछ लोगों को इससे तकलीफ हुईं और शिकायत कर दी। यह सब कुछ सरपंच को भी मालूम था। मैं आधी रात को लोगों की मदद की है। अब मुझे इसके बदले जो सजा मिले, मुझे मंजूर है।

नेपाल सिंह, ग्राम रोजगार सहायक

ग्रामीणों की शिकायत पर की गई जांच में पाया गया है कि रोजगार सहायक ने अपनी ही एक बैंक खोल रखी है, मां व भाई के खाते में सरकारी राशि डाली है। कई अनियमितताएं पाई गई हैं जिसे को लेकर सचिव से नोटिस देकर सात दिन में जवाब मांगा है, संतोषजनक जवाब नहीं रहा तो सेवा समाप्ति की कार्रवाई के साथ अपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाएगा। - नवलसिंह मीणा, सीईओ, जनपद पंचायत औबेदुल्लागंज

मैं अनपढ़ हूं, मुझे किसी भी राशि के बारे में नहीं मालूम। रोजगार सहायक मुझे कभी योजनाओं की जानकारी नहीं देता था। मुझे तो मोबाइल चलाना भी नहीं आता है, मैं ऑनलाइन पैसे कैसे निकालूंगा।
बरमिस, सरपंच डुंगरिया