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शहर के मुख्य बाजार न्यू मार्केट में भी चारों ओर सड़कों और फुटपाथों पर विक्रेता, हॉकर्स कार्नर नदारद

न्यू मार्केट में भी हॉकर्स कार्नर दरकार, इस बाजार के आसपास 600 से अधिक फुटकर विक्रेता

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भोपाल. शहर के प्रमुख बाजारों में शामिल न्यू मार्केट जैसी जगह भी फुटकर व्यापारियों के लिए निगम प्रशासन कोई व्यवस्था नहीं दे पाया है। इसके चलते मार्केट के चारों ओर फुटपाथों और सड़कों फुटकर विक्रेता दुकाने लगाने को मजबूर है। कहीं फलों के ठेले लग रहे हैं, तो कहीं खान पान की दुकाने। बार-बार नगर निगम की टीम आकर सड़कों पर व्यवसाय करने वाले विक्रेताओं को हटा देती है, लेकिन इसके लिए कोई स्थायी समाधान अब तक नहीं हो पाया है। इसके कारण मार्केट के आसपास जाम के कारण आम ग्राहकों को भी परेशानी होती है। इसे लेकर कई बार स्थानीय व्यापारी भी शिकायत कर चुके हैं।

यहां लगते हैं ठेले और गुमठियां

न्यू मार्केट, जवाहर चौक, माता मंदिर सहित आसपास 600 से अधिक फुटकर विक्रेता है। जहां जगह-जगह विक्रेताओं के ठेले लगते हैं। माता मंदिर रोड पर जहां फलों के ठेलों की कतारे रहती है, वहीं स्टेट बैंक के सामने खान पान से लेकर कई तरह के घरेलू सामान, फल आदि के ठेले खड़े रहते हैं। इसी प्रकार जवाहर चौक वाले फुटपाथ पर भी सब्जी और फल की बिक्री के लिए कई फुटकर विक्रेता मजबूर है। ईधर बेतवा अपार्टमेंट के सामने भी कई गुमठियां है, जहां लोगों की भीड़ लगी रहती है। फिलहाल इस क्षेत्र में कोई बड़ा हॉकर्स कार्नर नहीं है, इसके कारण विक्रेताओं को सड़क और फुटपाथों पर ही ठेले, गुमठियां लगानी पड़ रही है।

टीन शेड पर बचे है अब चंद स्टॉल

न्यू मार्केट टीन शेड के पास वर्ष 2000 के बाद कई तरह के फूड स्टॉल लगते थे। शाम को यहां लोगों की भारी भीड़ रहती थी। विक्रेताओं ने बताया कि यहां पहले 40 के लगभग स्टॉल थे। इसके बाद स्मार्ट सिटी के काम के चलते यहां से कई स्टालों को हटा दिया गया, वहीं कुछ स्टॉल संचालकों ने स्मार्ट सिटी सड़क निर्माण के चलते यहां से दुकाने थोड़ी आगे बढ़ा दी। इसके बाद यहां जो हाॅकर्स अपने स्टॉल लगाते थे, वे यहां से अनंत्र चले गए, यहां कई स्टॉल अब रखे-रखे कबाड़ हो गए हैं, वहीं कुछ स्टॉल अब भी संचालित हो रहे हैं।

प्रशासन कोई ध्यान नहीं देता

पिछले 25 सालों से सड़क पर ही ठेला लगा रहे हैं, हम और कहां जाए, घर परिवार के लिए सब कुछ करना पड़ता है। हम तो चाहते हैं कि हमे स्थायी ठिकाना मिले, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं देता। अब्दुल अजीज, फल विक्रेता

हटा दिया, लेकिन बसाया नहीं

पहले हम कमला नेहरू स्कूल के पास दुकान लगाते थे, वहां से नगर निगम ने हमे टीन शेड पर बिठा दिया। पहले यहां और भी कई दुकाने हुआ करती थी, जो बंद हो गई। स्मार्ट सिटी के काम के बाद हमने दुकान थोड़ी आगे कर ली, यहां शेड वगैरह कुछ नहीं है, कोई व्यवस्था नहीं दी।

राधेश्याम सेन, टीन शेड, स्टॉल संचालक

पहले अच्छा व्यवसाय होता था

टीन शेड पर बहुत पहले से विक्रेताओं के कार्नर लगते थे, जो 2000 के पहले से चल रहे थे, यहां धरना प्रदर्शन भी होते थे, साथ ही लाइन से ढेर सारे कार्नर थे, लेकिन बाद में यहां से हटा दिया गया, हमने भी कुछ दिन जवाहर चौक के पास स्टॉल लगाया, बाद में वापस यहां आ गए। पहले काफी अच्छा व्यवसाय होता था।

चंद्रप्रकाश सिंह