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ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के बहाने ही सही, जनता की सुध 

प्रसंगवश: ग्लोबल इन्वेस्टर समिट एक जिन के रूप में चिराग से बाहर आया है, जिसमें पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया जाने लगा है। 

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Global Investors Summit 2025

Global Investors Summit 2025: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में अगले सप्ताह पहली बार ग्लोबल इन्वेस्टर समिट का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन से न सिर्फ भोपाल बल्कि पूरे प्रदेश में प्रगति की राह खुलेगी, नए उद्योग आएंगे, राजस्व बढ़ेगा और रोजगार पैदा होगा। इनवेस्टर समिट सिर्फ इस उद्देश्य से उपयोगी नहीं है, बल्कि इस दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है कि इस समिट के कारण भोपाल में शहर में आधारभूत विकास व सुविधाओं के ऐसे कई काम होंगे, जो आम लोगों की अहम जरूरत हैं। जनता देख रही है जो कभी नहीं हुआ वह अब हो रहा है।

विषय जुड़ा हुआ है जनता की मूलभूत सुविधाओं से जिसके लिए वह लगातार पांच साल संघर्ष करती रही लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं नहीं रेंगी। साफ सफाई की बात हो, सड़क निर्माण और मरम्मत के मुद्दे हों या फिर स्ट्रीट लाइट के बल्ब बदलने जैसी छोटी-छोटी बात, जनता को निराशा ही हाथ लगी थी। वीर सावरकर सेतु दो साल से खराब सड़क के बीच इस्तेमाल किया जा रहा था। वीआईपी रोड के धुर्रे उड़ चुके थे। नए और पुराने शहर की कई कॉलोनी और व्यावसायिक इलाकों में खुलेआम सार्वजनिक सीवेज सड़कों पर बह रहा था। जनता को इन समस्याओं से निपटने के लिए सीएम हेल्पलाइन, सरकारी दफ्तर, अफसर, बाबुओं के चक्कर काट कर दिन बिताने पड़ रहे थे। ऐसे में उसके लिए अचानक ग्लोबल इन्वेस्टर समिट  एक जिन के रूप में चिराग से निकलकर बाहर आया है, जिसमें पूरा शहर दुल्हन की तरह सजाया जाने लगा है। इसका स्वागत किया जाना चाहिए। 

सरकारी आयोजन के नाम पर ही सही लेकिन जनता के पुराने घाव भर रहे हैं, यही उसके लिए काफी है। लेकिन, इसके साथ ही यह व्यवस्था के लिए सवालिया निशान है कि क्या सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मूलभूत जिम्मेदारी वह तभी पूरी करेगी, जब शहर में कोई बड़ा आयोजन हो। अन्य दिनों में वह जनता की अनदेखी करती रहेगी? जनता की बातें पहले क्यों नहीं सुनी गई? अब अचानक यह फंड कहां से आ गया? सरकार को इस पर विचार करना चाहिए और ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए कि सभी मूलभूत कार्य स्वत: व सतत होते रहें। जनता को तकलीफ और पांच साल का इंतजार न झेलने पड़ें। यह सरकार की जिम्मेदारी भी है।                                                 

हर्ष पचौरी

harsh.pachori@in.patrika.com