
फर्जी तरीके से पास करने का मामला गर्माया, जो फेल हुए उन्हें नहीं मिलेगा मौका
भोपाल. नेशनल लॉ इंस्टीट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआइयू) में बीएएलएलबी (ऑनर्स) के फेल छात्रों को फर्जी तरीके से पास करने का मामला जनरल काउंसिल की बैठक में फिर उठा। ऐसे विद्यार्थी जो कई विषयों में फेल थे, उन्हें एक अवसर देकर परीक्षा कराई थी, अब इनको लेकर चर्चा हुई।
बैठक में चर्चा हुई कि एनएलआइयू द्वारा दिए गए विशेष अवसर में जो विद्यार्थी परीक्षा पास कर चुके हैं, उन्हें पास माना जाएगा। वहीं जो विद्यार्थी फेल हो गए हैं उन्हें आगे कोई अवसर नहीं दिया जाएगा। बैठक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि एस मलिमथ की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मप्र बार काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. विजय कुमार चौधरी, सीनियर एडवोकेट विवेक तन्खा, एनएलआइयू के कुलपति वी. विजयकुमार सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे। इस मामले में हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस अभय गोहिल ने जांच रिपोर्ट में कुछ लोगों के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज करने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की है। इस मामलें में बैठक में कानूनी सलाह लेने की बात सामने आई है।
रिकॉर्ड के साथ छेडख़ानी की गई
जांच अधिकारी जस्टिस गोहिल की रिपोर्ट के अनुसार गवाहों के बयान, परीक्षा शाखा के रिकॉर्ड का परीक्षण करने पर यह पाया है कि रिकॉर्ड के साथ छेडख़ानी की गई है। यह स्पष्ट हुआ कि बिना किसी सपोर्टिंग डॉक्यूमेंट के टेबुलेशन चार्ट में ओवरराइटिंग, काटकर, रगड़कर और व्हाइटनर का उपयोग कर नंबर बदले गए और बढ़ाए गए। इस विधि के द्वारा कई फेल छात्रों के नंबर बढ़ाए गए। इसलिए यह केस सीधे तौर पर जालसाजी करने के साथ धोखाधड़ी और विवि के वास्तविक रिकॉर्ड में बदलाव कर गलत दस्तावेज बनाए में आपराधिक साजिश की गई।
यूनिवर्सिटी के हित में मेरे पास इनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण या एफआइआर दर्ज कराने की अनुशंसा के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं है। इसलिए इनके खिलाफ आपराधिक कार्रवाई के साथ सख्त अनुशासनात्मक कदम भी उठाए जाने चाहिए । असिस्टेंट रजिस्ट्रार को किया बर्खास्त मामले में परीक्षा शाखा के तत्कालीन असिस्टेंट रजिस्ट्रार रंजीत सिंह को बर्खास्त किया गया है। इनके बर्खास्त होने के बाद जस्टिस गोहिल ने इस मामले में 15 लोगों को जिम्मेदार ठहराया और कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी।
इन पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई
इन 9 के खिलाफ आपराधिक के साथ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। जिसमें रंजीत कुमार सिंह, विनय कुमार, प्रो. यूपी सिंह, प्रो. तपन आर. मोहंती, धीरेंद्र कुमार सिंह, कमलेश श्रीवास, नारायण प्रसाद, सी. राजशेखर, अरीफ उद्दीन अहमद खान शामिल हैं। वहीं इन 6 के खिलाफ सिर्फ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की अनुशंसा की है। जिसमें डॉ. गयूर आलम, डॉ. कविता सिंह, रवि पांडे, आरकेएस गौतम, पूर्व रजिस्ट्रार व पूर्व न्यायिक अधिकारी, डॉ. मोनिका राजे व अंकित शर्मा शामिल है।
Published on:
20 Nov 2021 04:33 pm
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