पिछले कुछ वर्षों से नकली खाद बीज का असर फसल पर पड़ रहा था। किसान लगातार इसकी शिकायत कर रहे थे लेकिन इस पर कोई एक्शन न होने के कारण किसानों में नाराजगी थी। हाल ही में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में कृषि विभाग के अधिकारियों की बैठक में यह मामला उठा था।
बैठक में मौजूद राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने यहां तक कहा था कि वर्तमान व्यवस्था के तहत एम पी एग्रो के माध्यम से खरीदी होती है, एमपी एग्रो न तो बीज सामग्री का भण्डारण करती है और न ही उनके कार्यालय से बीज दिया जाता है। बीज सामग्री कंपनी अपने गोदाम से सीधे कृषि विभाग के विकासखण्ड में भेजती है। ऐसे में घटिया साम्रगी की शिकायतें भी आती हैं। उन्होंने नकली खाद-बीज और नकली कीटनाशक विक्रय पर रोक की मांग भी की थी।
यह निर्देश भी दिए विभाग ने
सहकारी बीज उत्पादक संस्थाओं द्वारा उत्पादित बीजों को प्राथमिकता दिए जाने के साथ ही विभाग ने यह निर्देश भी दिए कि बीज वितरण जनप्रतिनिधियों के समक्ष किया जाए। जिससे मात्रा एवं गुणवत्ता के संबंध में और सुनिश्चितता लाई जा सके। विभाग ने यह भी कहा है कि निर्देशों का उल्लंघन होने पर सख्त दण्डात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसमें एफ आईआर और कंपनी को ब्लैक लिस्टिंग किए जाने की कार्यवाही भी शामिल है।
नकली खाद की बिक्री से किसान परेशान
नकली खाद की बिक्री से किसान परेशान हैं। हाल ही में उज्जैन के मक्सी रोड में नकली खाद बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गई। यहां मौके पर सैकड़ों क्विंटल नकली खाद बनाने का सामान मिला। उज्जैन कलेक्टर ने वेअर हाउस पर छापा मारकर अमानक बीज का कारेाबार पकड़ा। दिसंबर 2018 में रीवा में किसानों को अमानक बीज की बिक्री पकड़ी गई। कलेक्टर ने एक दर्जन से ज्यादा दुकानों के लायसेंन निरस्त किए।
सरकार की कार्रवाई स्वागत योग्य
राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा कक्का जी ने कहा कि सहकारी बीज उत्पादक संस्थाओं से बीज प्रदाय करने संबंधी शासन का निर्णय स्वागत योग्य है। इससे किसानों को नकली बीज मिलने की संभावना समाप्त हो जाएगी। शासन का वित्तीय लाभ भी बढ़ेगा, क्योंकि शासकीय बीज उत्पादक संस्थाओं से उत्पादित बीज कृषि विभाग को बिना किसी डीलर, डिस्ट्रीब्यूटर के मार्जिन के उचित दरों पर उपलब्ध होगा एवं बिचोलियों की भूमिका की संभावना भी नहीं होगी।