
चार घंटे तक तेज हवा के साथ हुई बारिश, खेतों में गिरी फसल, धान की बाली सडऩे की आशंका
भोपाल। प्रदेश में तेजी से बढ़ रहे प्रदूषण पर अंकुश लगाने के लिए राज्य सरकार पौध रोपण पर फोकस कर रही है। खेतों में फलदार पौधे लगाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने पौधों पर दिए जाने वाला अनुदान बढ़ा रही है। इससे पर्यावरण तो बेहतर होगा ही साथ में किसानों की आय में भी वृद्धि होगी।
वर्तमान में किसानों को प्रति पौधा 10 रुपए मिलता है इसे बढ़ाकर 35 रुपए किया जाना प्रस्तावित है। इसी के साथ पौध रोपण की तीन साल बाद 65 प्रतिशत जीवित रहने की शर्त को भी शिथिल किया जा सकता है। इसके लिए किसान लक्ष्मी योजना के प्रावधानों में बदलाव किया जा रहा है।
वर्तमान योजना में ६५ प्रतिशत पौधों की जीवित होने की शर्त और प्रति पौधा 10 रुपए का अनुदान होने से किसानों ने इस योजना में रुचि नहीं दिखाई। इससे सरकार की मंशा के अनुसार प्रदेश में फलदार पौधे नहीं लग पाए। किसान लक्ष्मी योजना में ज्यादा से ज्यादा किसानों को जोडऩे के लिए सरकार इसकी शर्तों को सरल और प्रभावी बनाने जा रही है।
कारण कि खेतों में फलदार पौधे लगाने के बाद किसान को ३ साल तक उसकी सुरक्षा और देखभाल करनी होती है। एेसे में उसके जीवन यापन के लिए पर्याप्त राशि नहीं मिल पाती। वन विभाग का मानना है कि योजना को सरल करने से लघु और मध्यम किसान इससे ज्यादा जुड़ेंगे। अब वर्तमान में इस योजना का लाभ प्रति वर्ष मात्र चार लाख किसान ही ले रहे हैं। योजना में बदलाव होने से इनकी संख्या ५० लाख से अधिक होने की संभावना है।
एक से ढाई हजार पौधे की पत्रता
योजना में किसान एक पौधे से लेकर 2500 पौधे तक किसान लगा सकते हैं। इससे ज्यादा पौधा लगाने पर इस योजना से बाहर किया जा सकता है। किसान पौधे खेत, खलिहार और मेड़ पर भी लगा सकते हैं। उत्तम किस्म के पौधे किसानों को खुद खरीदना होगा। पौधरोपण के दौरान किसानों को इसका रजिस्ट्रेशन और सत्यापन कराना पड़ेगा।
वन दूत करेंगे पोधों की गणना
वन दूत किसानों को पौधे लगाने के प्रणापत्र देने के साथ ही उसका हर साल सत्यापन भी करेंगे। इसके साथ ही किसानों को पौधे लगाने के लिए प्रेरित करने का भी काम करेंगे। इसके लिए उन्हें वन विभाग दो किश्तों में सात रुपए दिया जाएगा। पहले साल चार रुपए और चौथे साल तीन रुपए दिया जाएगा। किसानों को अनुदान की राशि उनके बैंक एकाउंट में भेजी जाएगी।
मिट्टी में कार्बन बढ़ाने पर्यावरण को अच्छा रखने का प्रयास
सरकार इससे मिट्टी में कार्बन की मात्र बढ़ाने, पर्यावरण को बेहतर बनाने के प्रयास कर रही है। इसके साथ ही जो वन धीरे-धीरे कम हो रहे हैं उसकी भी भरपाई इस योजना से पूरी की जा सकेगा। वनों की अवैध कटाई, लोगों से जलाऊ और इमारती लकड़ी भी सहजता से उपलब्ध हो सकेगी। वहीं किसानों को फसलों जैसे ओला-पाल का भी खतरा नहीं रहेगा, क्योंकि ये फलदार पौधे होंगे और हर साल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत कारगर साबित होंगे।
हर जिले की तय होगी लक्ष्य
हर जिले में पौधरापेण का लक्ष्य सरकार तय करेगी। लक्ष्य के अनुसार किसानों से इसके आवेदन बुनाए जाएंगे। इसका लाभ किसानों को पहले आओ पहले पाओं के आधार पर दिया जाएगा। बारिश से पहले मई जून में वन दूत इस योजना का प्रत्येक गांव में प्रचार प्रसार करेंगे और किसानों से पौधरोपण के प्रस्ताव लेकर डीएफओ कार्यालय को भेजेंगे।
Updated on:
08 Nov 2019 09:15 am
Published on:
08 Nov 2019 08:14 am
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