5 अक्टूबर – बृहस्पतिवार – शरद पूर्णिमा व्रत, कोजागर व्रत, महर्षि बाल्मीकि जयन्ती (shrad purnima 2017)
8 अक्टूबर – रविवार – करवा चौथ व्रत (karwa chauth 2017)
12 अक्टूबर – बृहस्पतिवार – अहोई अष्टमी व्रत
16 अक्टूबर – सोमवार – गोवत्स द्वादशी
17 अक्टूबर – मंगलवार – धन त्रयोदशी
18 अक्टूबर – बुधवार – श्रीहनुमान जयन्ती : उत्तर भारत, नरक चतुर्दशी (narak chodas 2017)
19 अक्टूबर – बृहस्पतिवार – दीपावली, श्रीमहालक्ष्मी पूजन (deepawali 2017)
20 अक्टूबर – शुक्रवार – विश्वकर्मा दिवस, अन्नकूट, गोवर्धन पूजा (govardhan puja 2017)
21 अक्टूबर – शनिवार – यम द्वितीया, भाई दूज, श्रीविश्वकर्मा पूजन (bhai dooj 2017)
26 अक्टूबर – बृहस्पतिवर – सूर्य षष्ठी : बिहार
28 अक्टूबर – शनिवार – गोपाष्टमी
29 अक्टूबर – रविवार – अक्षय नवमी (akshay navami 2017)
31 अक्टूबर – मंगलवार – हरिप्रबोधिनी एकादशी, भीष्म पंचक प्रारंभ, चातुर्मास्य व्रत समाप्त
5 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है। इस रात को चंद्रमा अपनी पूरी सोलह कलाओं के प्रदर्शन करते हुए दिखाई देते हैं। शरद पूर्णिमा को कोजागरी या कोजागर पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा की रात को माता लक्ष्मी स्वर्ग लोक से पृथ्वी पर आती हैं और जागृति करती हैं। इस रात महालक्ष्मी को जो भी व्यक्ति जागते हुए दिखाई देता है और पूजा (vrat calendar 2017) ध्यान में लगा हुआ होता है उन्हें देवी लक्ष्मी की कृपा मिलती है। शरद पूर्णिमा की रात को जब चारों ओर चांद की रोशनी बिखरी हुई होती है, तो उस समय मां लक्ष्मी का पूजन करने से व्यक्ति को धन लाभ होता है।
मां लक्ष्मी को सुपारी बहुत पसंद है, सुपारी को पूजा में रखें, पूजा के के बाद सुपारी पर लाल धागा लपेट कर उसका अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि से पूजन करके उसे तिजोरी में रखें, धन की कभी कमी नहीं होगी।
शरद पूर्णिमा की रात में भगवान शिव को खीर का भोग लगाएं। खीर को पूर्णिमा वाली रात को छत पर रखें। भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करें। इस उपाय से कभी भी पैसे की कमी नहीं रहेगी।