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फ्लोर टेस्ट आज : सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल के नि​र्देशों को सही ठहराया, हाथ उठाकर होगा मतदान

शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार 20 मार्च को विधानसभा का सत्र बुलाने का आदेश दिया

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MP Vidhansabha

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सुप्रीम कोर्ट ने भी राज्यपाल लालजी टंडन के निर्देशों को सही मानते हुए शुक्रवार शाम 5 बजे तक कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि सदन में मतदान हाथ उठाकर करवाया जाए। इस कार्यवाही की वीडियोग्राफी होगी। सीएम कमलनाथ ने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। सरकार के पास बहुमत है। फ्लोर टेस्ट में ये साबित हो जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में जारी सियासी उठापटक पर गुरुवार को अपना फैसला सुनाया हैं। शीर्ष कोर्ट ने शुक्रवार 20 मार्च को विधानसभा का सत्र बुलाने का आदेश दिया है। इसी दिन फ्लोर टेस्ट कराया जाए। हाथ उठाकर सदस्यों को मतदान करना होगा। कोर्ट ने शाम 5 बजे से पहले फ्लोर टेस्ट कराने के लिए कहा है।

सदन की पूरी कार्यवाही की वीडियोग्राफी करायी जाएगी. इससे पहले सुबह सीएम कमलनाथ ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट जो भी आदेश देगा उसका पालन किया जाएगा।

कोर्ट ने अपने फैसले में जो निर्देश दिए उनमें
1-शुक्रवार 20 मार्च को कराया जाए फ्लोर टेस्ट
2-सदन की कार्यवाही का लाइव टेलिकास्ट हो


3-शांतिपूर्ण मतदान
4- सदस्य हाथ उठाकर मतदान करें.
5-फ्लोर टेस्ट के दौरान कार्यवाही की वीडियोग्राफी करायी जाए
6- शाम 5 बजे से पहले करा लें
7-कांग्रेस के 16 विधायक अगर आना चाहें तो उनकी सुरक्षा मध्य प्रदेश और कर्नाटक के डीजीपी सुनिश्चित करें.

सीएम कमलनाथ का दावा
इससे पहले से बातचीत में के सीएम कमलनाथ ने दावा किया कि सरकार के पास बहुमत है. ऐसे हालात में हम फ्लोर टेस्ट क्यों कराएं? उन्होंने कहा था कि विपक्ष चाहे तो सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है, लेकिन इस मामले में सुप्रीम कोर्ट जो आदेश देगा हम उसका पालन करेंगे.

सीएम कमलनाथ ने कहा था कि हमारी सरकार बहुमत में हैं. नई सरकार का फ्लोर टेस्ट होता है. हम सदन में कई बार बहुमत साबित कर चुके हैं. इसलिए हम फ्लोर टेस्ट क्यों कराएं. अगर बीजेपी को लगता है कि हम अल्पमत में हैं तो वो सदन में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए. सीएम ने साथ ही ये भी कहा था कि आगे सुप्रीम कोर्ट हमें जो आदेश देगा हम उसका पालन करेंगे.

बंधक विधायक मेरे संपर्क में हैं.
सीएम कमलनाथ ने सवाल उठाया था कि कांग्रेस के विधायकों को कर्नाटक क्यों लेकर गए? उन्हें क्यों किसी से मिलने नहीं दिया जा रहा. सीएम ने कहा था उनमें से कई विधायक हमारे संपर्क में हैं. विधायक भोपाल आकर अपनी बात रखें.