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शीतल पेय में मिलावट की जांच के लिए खाद्य विभाग हुआ सक्रिय… ऐसी हो रही धर- पकड़

विभाग ने शुरु की धर - पकड़

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भोपाल। शहर में बिक रहे फ्रूट जूस, फ्लेवर रंगों का शरबत, गन्ने के रस में सेक्रीन आदि की मिलावट की जांच को लेकर फूड एवं ड्रग विभाग ने धरपकड़ शुरू कर दी है। बैरागढ़ स्थित चंचल चौराहे पर कार्रवाई की गई। जिसमें बर्फ के गोले, शरबत, गन्ने का रस बेचने वालों के पेय पदार्थो की जांच की गई।

ये कार्रवाई आगे भी जारी रहेगी। पत्रिका एक्सपोज के गुरूवार को प्रकाशित स्टिंग ऑफ द वीक रिपोर्ट में हमने दिखाया था कि कैसे बाजार में पेय पदार्थो में मिलावट हो रही है। कैसे सेक्रीन मिलाकर गन्ने का रस पिलाया जा रहा है। केमिकल रंगों, फ्लेवर एसेंस के मेंगों जूस, शिकंजी आदि बनाने के लिए जुमेराती का बाजार खुला पड़ा है। जहां सेक्रीन, एसेंस, फ्लेवर रंग, आदि सभी तरह के पेय पदार्थो को कम कीमत में ज्यादा मुनाफे के लिए बेचा जा सकता है।

उनकी बिक्री को लोगों के स्वास्थ्य कोई लेना देना नहीं है। शहर के प्रत्येक चौराहा मोहल्ले में गला तर करने के नाम पर बिक रहे इन जूस वालों और दुकानों पर रोक लगाने के लिए खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। मामले को गंभीरता से लेते हुए फूड एडं ड्रग संयुक्त कलेक्टर श्वेता पवार ने तत्काल प्रभाव से कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए थे।

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जरूरतमंदों और बेसहारा लोगों की मदद करना तो अच्छी बात है, लेकिन ये जब जोर जबरदस्ती बन जाए तो मुसीबत का सबब बन जाता है। राजधानी में भीख मांगने वालों के कुछ ऐसे गिरोह सक्रिय हैं जो इसे अपना अधिकार मान कर लोगों के साथ जोर जबरदस्ती पर उतारू हो जाते हैं। ये ही नहीं ये गिरोह खुलेआम नाबालिग बच्चों का इस्तेमाल करता है। लेकिन जिम्मेदार विभाग इस ओर ध्यान ही नहीं देते।

किताबी ज्ञान के साथ आत्मरक्षा की सीख

समय की जरूरत के साथ युवाओं को आत्मरक्षा की भी सीख दी जानी चाहिए। खासतौर पर छात्राओं के लिए तो यह अनिवार्य की जाए। स्कूल, कॉलेज में ही इसके इंतजाम हो। वर्तमान में जिस तरह के मामले सामने आ रहे हैं उसे देखते हुए यह जरूरी हो गया है। वर्तमान शिक्षा व्यवस्था किताबी ज्ञान तक सीमित है। ऐसे में दूसरी ओर विद्यार्थी जान ही नहीं पाते। छात्र जीवन में एनसीसी में शस्त्र संचालन और आत्मरक्षा का प्रशिक्षण मिलता है। ये अनिवार्य किया जाए।