कैफे, फूड जोन से रेवेन्यू जेनरेशन में मिलेगी मदद
दरअसल दिल्ली जैसे बड़े मेट्रो स्टेशन की तरह भोपाल में भी यात्रियों के साथ ही शहर के विकास पर फोकस किया जा रहा है। एमपी मेट्रो कंपनी के तहत भोपल के मेट्रो स्टेशन पर भी दिल्ली की तरह दुकानें खोली जाएंगी। ये दुकानें मेट्रो के रेवेन्यू जेनरेशन में मददगार साबित होंगी। मेट्रो चलाने का 20 फीसदी तक खर्च इन कैफे, फूड जोन और अन्य दुकानों से निकाला जा सकेगा।नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू मॉडल योजना पर चल रहा काम
दिल्ली-मुंबई सहित देश के कई शहरों में मेट्रो के किराए के अलावा इन साधनों और विज्ञापन मेट्रो की आय का बड़ा जरिया बने हैं। इसे नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू भी कहा जाता है। भोपाल में भी इस योजना पर काम चल रहा है। कुछ दिन पहले शहरी विकास सचिव अनुराग जैन ने भोपाल मेट्रो की समीक्षा की थी। तब उन्होंने नॉन फेयर बॉक्स रेवेन्यू मॉडल पर योजना बनाने की सलाह दी थी।मेट्रो के आस-पास मिलेंगी ये सुविधाएं
भोपाल मेट्रो स्टेशन के 500 मीटर के दायरे में भी सुविधाओं में इजाफा किया जाएगा। इन सुविधाओं में ग्रीन स्पेस, फुटपाथ और साइकिलिंग ट्रैक जैसी सुविधा शुरू की जाएंगी। इसके अगले 1000 मीटर में बफर जोन का निर्माण किया जाएगा। इस बफर जोन में कमर्शियल प्रॉपर्टी बनाई जाएगी। मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के एक अधिकारी के मुताबिक भोपाल में मेट्रो और आस-पास के स्पेस के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इस मास्टर प्लान से शहर के विकास में भी मदद मिलेगी।मिल सकती हैं ये सुविधाएं भी
आपको बता दें कि दिल्ली-मुंबई के मेट्रो रेलवे स्टेशनों पर इन सुविधाओं के साथ ही यात्रियों के लिए कुछ स्पेशल सुविधाएं भी मिल सकती हैं।
- दिल्ली और मुंबई के साथ ही देश के कई मेट्रो स्टेशनों पर वीकेंड्स के दिन मेट्रो से ट्रैवल करने पर टोकन पर छूट मिलती है और स्मार्ट कार्ड से पेमेंट करने पर भी छूट मिलती है।
- इन मेट्रो स्टेशन पर रेस्टोरेंट और बैंक्वेट हॉल के अलावा मेट्रो में भी कुछ अलग तरीके से बर्थडे, एनिवर्सरी सेलिब्रेट किए जा सकते हैं। इसके लिए यात्रियों को हर घंटे के हिसाब से 5 से 10 हजार रुपए के बीच में खर्च करना पड़ते हैं।
- यही नहीं आप मेट्रो के एक पूरे कोच या पूरी एक ट्रेन को भी बुक कर सकते हैं। इसके लिए कम से कम 45 लोग और इससे ज्यादा से ज्यादा 150 लोगों की बुकिंग होनी चाहिए। इस रिजर्व्ड कोच में सीआईएसएफ के जवान तैनात किए जाते हैं।
- हालांकि इन खास सुविधाओं के लिए यात्रियों को 40 से 50 हजार रुपए तक चुकाने पड़ सकते हैं।
- मेट्रो स्टेशन और ट्रेन में दिव्यांग यात्रियों के लिए व्हीलचेयर की सुविधा रहती है।
- स्टेशन में एंट्री और एग्जिट के लिए ऑटोमेटिक फ्लैप गेट्स होते हैं ताकि दिव्यांग यात्रियों को किसी तरह की दिक्कत ना हो।
- इसके साथ ही ट्रेन में दिव्यांगों और बुजुर्गों के साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए सीट भी आरक्षित रहती हैं।
दो लाइन का हो रहा निर्माण
भोपाल मेट्रो का 2 फेस में निर्माण कार्य किया जा रहा है। पहली लाइन ऑरेंज लाइन है। ये ऑरेंज लाइन करोंद से एम्स तक जाएगी। इस मेट्रो की लंबाई 11.99 किलोमीटर रहेगी। इसमें कुल 16 स्टेशन बनेंगे। वहीं दूसरी लाइन फेस 2 के नाम से जानी जाएगी। ये ब्लू लाइन होगी। ये मेट्रो लाइन भदभदा से रत्नागिरी तक जाएगी। इस फेस 2 लाइन की कुल लंबाई 12.91 किलोमीटर की होगी। इस फेज में कुल 14 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।तैयार रहे 2 तरह के स्टेशन
भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत शहर में 2 प्रकार से मेट्रो स्टेशन का निर्माण किया जाएगा। इनमें एक एलिवेटेड स्टेशन (elevated station) और दूसरा अंडर ग्राउंड स्टेशन (Underground Station) का निर्माण किया जाना शामिल है। अंडरग्राउंड स्टेशन केवल दो जगह पर ही बनाया जा रहा है। एक भोपाल जंक्शन पर और दूसरा नादरा बस स्टैंड पर। बाकी सारे स्टेशन एलिवेटेड होंगे। एलिवेटेड स्टेशन की लंबाई 50 से 100 मीटर तक की रहेगी। वहीं टनल वाले यानी की अंडर ग्राउंड स्टेशन की लंबाई 100 से 200 मीटर तक की तय की गई है। भोपाल मेट्रो के 30 स्टेशन (Metro Station in Bhopal) तैयार हो रहे हैं।-सी.बी. चक्रवर्ती, एमडी, एमपी मेट्रो कॉरपोरेशन