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Sidhi Serial Rape Case: बेटा बन लड़कियों को बाइक से लेने आता था सीरियल रेपिस्ट, पीड़ितों ने खोला खौफनाक राज

Sidhi Serial Rapist Story: एमपी के सबसे बड़े सीरियल रेपिस्ट के दो चेहरे सामने आए हैं, पहले वो किशोरियों और युवतियों को मैडम बनकर कॉल करता था, फिर बेटा बनकर उन्हें लेने आता था, पीड़िताओं ने पत्रिका को सुनाई दिल दहला देने वाली दास्तान

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सीधी

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Sanjana Kumar

May 27, 2024

Sidhi Serial Rape Case

Sidhi Serial Rape Case: रोंगटे खड़े कर देगी पीड़िताओं की आपबीती

Sidhi Serial Rape Case Horrible Story: सीरियल दुष्कर्म कांड में पीड़िताओं के साथ हुए खौफनाक दर्द का मंजर रोंगटे खड़े कर देगा। सीरियल दुष्कर्म की शिकार पीड़िताओं ने पत्रिका को उस रात की दर्दनाक दास्तान सुनाई। जिसमें आरोपी के दो चेहरे सामने आए कि कैसे सीरियल रेपिस्ट पहले मैडम बनकर लड़कियों को अपने झांसे में लेता था और फिर बेटा बनकर उन्हें बाइक से लेने जाता था। पढ़़ें सीरियल रेपिस्ट की खौफनाक कहानी...

हाथ बांधे, गंदा काम किया, पूरी रात पैदल चलकर घर पहुंची

17 साल की किशोरी ने बताया, उस दिन 15 अप्रेल था। मामा की बेटी घर आई थी। उसके फोन किसी महिला ने कहा, मझौली से अर्चना मैडम बोल रही हूं, तुम 18 वर्ष की हो गई हो, इसलिए तुम्हारा पैसा आया है। मझौली आकर दस्तखत कर दो और पैसा ले जाओ। शाम को मामा की बेटी ने कहा, दुकान तक चलो। मैं साथ गई। मेन रोड पर बाइक पर एक लड़का आया। हम चले गए।

कुछ दूर बाद बाइक चला रहे लड़के ने रास्ता बदला। पूछने पर कहा टिकरी में मैडम ने बुलाया है, वहीं काम होगा। फिर वह जंगल के रास्ते सुनसान जर्जर मकान में ले गया। रात के 8 बज गए थे। कहने लगा जैसा कहता हूं, करो, नहीं तो जान से मार दूंगा। हम डर गए। हमारा मोबाइल छीना। हाथ बांध दिए और चार बार गंदा काम किया। फिर रात 1 बजे हमें सूने स्थान में छोड़ दिया। हम पूरी रात 35 किमी पैदल चलकर लौटे।

टॉर्च की रोशनी में 5 बार दुष्कर्म, अनजान के घर लिया आसरा

सीरियल दुष्कर्म की शिकार सिंगरौली की पीडि़ता (21) बीए प्रथम वर्ष की छात्रा है। घटना याद करके वह सिहर उठती है। संभलते हुए कहती है, 13 मई थी। शाम 4 बजे मोबाइल पर महिला बोली-कॉलेज से अर्चना मैडम बोल रही हूं। तुम्हें स्कॉलरशिप नहीं मिली। तुम्हारी फाइल बना दी है। दस्तखत कर दो। आधार कार्ड व फोटो लेकर टिकरी आओ। मैंने इनकार किया तो बोली पैसा रुक जाएगा। मैं उसकी बातों में आ गई। बस से टिकरी गई। उसने हायर सेकंडरी स्कूल बेटे को भेजा। वह हेलमेट और दस्ताने पहनकर आया और गिजवार रोड पर जंगल में घर में ले गया। तब 7 बजे थे। उसने पांच बार गंदा काम किया। मोबाइल की रोशनी में मैंने चेहरा देखा। रात 11 बजे मेरा मोबाइल छीन मुझे रोड पर छोड़ गया। मैंने अनजान घर में आसरा लिया। सुबह घर लौटी।

जर्जर मकान में बना रखा था ठिया

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि बृजेश अपनी ससुराल मड़वास में रहता था। उसने अपना ठिकाना घर से कुछ दूर वारदात वाले कच्चे जर्जर मकान में ही बना रखा था। वह साथियों के साथ वहीं नशाखोरी करता था। एक साल से इस मकान के बाहर 4-5 बाइक खड़ी रहती थी।

अब तक हुई ये कार्रवाई

सीरियल दुष्कर्म कांड में प्रशासन ने रविवार को कार्रवाई की खानापूर्ति की। मुख्य आरोपी बृजेश प्रजापति के साथ वारदात में सह आरोपी बने तीन के घर जमींदोज कर दिए। वहीं, टिकरी पुलिस सहायता केंद्र के प्रभारी एएसआइ प्रमोद तिवारी को लाइन अटैच कर दिया। हालांकि एसपी ने दूसरे मामले में अटैच करने की बात कही है।

पुलिस दरिंदे बृजेश से अब तक सिर्फ यही पता कर सकी है कि लूटे गए 23 मोबाइल (अब जब्त) में से 7 पीड़िताओं के हैं। ऐसे में पीड़िताओं की संख्या 25 से ज्यादा होने की आशंका है।

प्रशासन की रविवार को हुई इन दो कार्रवाई के बीच यह भी साफ हुआ कि मुख्य आरोपी बृजेश एक साथ दो रूप अपनाता था। पहले वह वॉयस चेंजर ऐप से महिला की आवाज में अर्चना मैडम बनकर पीड़ितों से बात करता था। फिर बेटा बनकर उन्हें बाइक से लेने जाता था।