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मैं तो नेता प्रतिपक्ष के पद को कांटों भरा ताज ही कहूंगा

गोपाल भार्गव से पत्रिका की बातचीत...

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Gopal bhargava

मैं तो नेता प्रतिपक्ष के पद को कांटों भरा ताज ही कहूंगा

भोपाल@आलोक पण्ड्या की रिपोर्ट...

नेता प्रतिपक्ष का पद कोई सरकारी सुविधाओं को भोगने के लिए नहीं होता। यहां मैं जनता की ओर से प्रहरी बनकर बैठाया गया हूं। सरकार के हर कदम पर नजर रखना है, जनहित के हर मसले पर आवाज उठाना है।

इसलिए मैं तो इसे बड़ी जिम्मेदारी और कांटो भरा ताज ही कहूंगा। यह कहना है प्रदेश के नए नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव का। नेताप्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद भार्गव के साथ पत्रिका का साक्षात्कार।

रिपोर्टर: बार-बार भाजपा यह बात कह रही है कि यह सरकार पांच साल नहीं चल पाएगी। क्या आप भी ऐसा ही मानते हैं?

भार्गव : देखिए, 11 दिसंबर को कांग्रेस सरकार के रूप में बीमार शिशु का जन्म हुआ है। वो भी ऐसा शिशु जिसमें हार्ट लगा है बसपा का, किडनी सपा की और लीवर निर्दलीय का। बाकी शरीर भी देखो तो भारी खींचतान है। ऐसे में किसी भी दिन यह सरकार अपने ही बोझ से गिर जाएगी।

रिपोर्टर: नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी को आप कैसे देखते हैं?

भार्गव: मैं हमेशा यह मानता हूं कि विपक्ष के पद सुविधा के लिए नहीं होते हैं? बंगला और गाड़ी मिल जाए, मैं इसके लिए नेता प्रतिपक्ष का पद नहीं मानता। मैं तो यह मानता हूं कि यह तो मंत्री से भी ज्यादा जिम्मेदारी का पद है, क्योंकि यहां एक विभाग नहीं पूरे प्रदेश में नजर रखना है। बड़ी जिम्मेदारी है, इसीलिए कह रहा हूं कि यह कांटों भरा ताज है।

रिपोर्टर: बड़ा विपक्ष है, आप अपनी इस टीम का कैसे उपयोग करेंगे?

भार्गव: यह सही है कि विपक्ष की टीम भी इस बार टक्कर की है, लेकिन बड़ा विपक्ष होने से हमारी जिम्मेदारी भी बड़ी हो जाती है। किस तरह से विपक्ष का सदुपयोग राज्यहित में हो यह सबसे ज्यादा जरूरी है।
विधानसभा चुनाव में जनता ने हमें कांग्रेस से ज्यादा वोट दिए हैं। इसलिए भी हमारी जिम्मेदारी बनती है। कांग्रेस सरकार प्रतिदिन नई घोषणाएं कर रही है। अब नेता प्रतिपक्ष के नाते मेरी जिम्मेदारी है कि इन घोषणाओं पर जल्द क्रियान्वयन के लिए सरकार पर विपक्ष दबाव बनाए और ज्यादा से ज्यादा जनहित के काम हों।

रिपोर्टर: आपके सामने पहली चुनौती विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव है। जीत के लिए क्या रणनीति है?

भार्गव: यह सही है कि संख्या बल में कांग्रेस हमसे ज्यादा है। लेकिन हमारे पास भी कांगे्रस से 5 सदस्य ही कम है। हम सभी विधायकों से कह रहे हैं कि वे अंतरआत्मा की आवाज पर आदिवासी प्रत्याशी विजय शाह को मतदान करें। हम इसके लिए हार्स ट्रेडिंग नहीं करेंगे। मतदान में पारदर्शी प्रक्रिया हो यह जरूरी है।