सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं। विभाग ने प्याज कारोबारियों से यह भी कहा कि उनके पास अगर लिमिट से अधिक प्याज रखी हो तो उसे बाहर करें। इसके लिए उन्हें दो दिन का समय दिया गया है, इसके बाद स्टाक का सत्यापन किया जाएगा। इस दौरान अगर लिमिट से अधिक प्याज पाई जाती है तो उसे जप्त करने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
मंडी में आने वाली प्याज खेप पर नजर
वहीं सरकार प्रदेश के बाहर से मंडियों में आने वाली प्याज की खेप पर नजर खजर रख रही है। यह देखा जा रहा है कि थोक में प्याज खरीदने वाल कारोबारी कौन से हैं। ये कारोबारी प्याज खरीदने के बाद उसे किन व्यापारियों को बेंचने हैं और इन्होंने प्याज का स्टाक कहा बना रखा है। इसके अलावा बड़े होटलों और शहर के बाहर बनाए गए गोदामों की भी जानकारी तैयार की जा रही है।
डेढ़ माह में 9 करोबारियों कार्रवाई
खाद्य विभाग ने पिछले डेढ़ माह के अंदर भोपाल, जबलपुर, शाजापुर और उज्जैन जिले में 9 कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई कर प्याज जब्त की है। इन कारोबारियों ने तय स्टाक से ज्यादा मात्रा में प्याज गोदामों में जमा कर रखी थी। इन कारोबारियों के पास से करीब एक हजार क्विंटल प्याज जब्त की है, जिसकी कीमत 30 लाख 86 हजार रुपए से अधिक बताई जा रही है। इन कारोबारियों के खिलाफ खाद्य विभाग ने प्रकरण भी दर्ज किए हैं। भोपाल में सबसे ज्यादा तीन कंपनियों पर कार्रवाई की गई है। जबकि शाजापुर और जबलपुर जिले में सबसे ज्यादा 400 और 286 क्विंटल प्याज जब्त हुई है।
मंडी में हर माह आ रही है 70 हजार टन टन प्याज
दिसम्बर में मंडियों में प्याज की आवक बढ़ी है, जो नवम्बर में 40 हजार टान थी वह अब 70 हजार टन हो गई है। इसके बाद भी इसके कीमतें 90 रूपए किलो से कम दर पर लोगों को नहीं मिल पा रही है। इसकी कमतों को नियंत्रित करने के लिए ही सरकार ने स्टाक लिमिट काफी कम की है। खाद्य विभाग और मंडी के अधिकारियों का कहना है कि अब प्याज के दामों में धीरे-धीरे गिरावट आएंगी। इसकी मुख्य वजह यह है कि सरकार ने स्टाक कम करने से जमाखोर प्याज स्टाक नहीं कर पाएंगे और नई प्याज की आवक मंडियों में शुरू हो गई है।