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सरकार लाएगी मंदिर एक्ट, सभी मंदिरों को लाएंगे दायरे में

- अभी हर मंदिर के लिए अलग एक्ट, अब कॉमन एक्ट रहेगा

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पुरी मंदिर की हो रही दुर्दशा, ASI की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

पुरी मंदिर की हो रही दुर्दशा, ASI की रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा

भोपाल। कमलनाथ सरकार ने प्रदेश के मंदिरों के लिए अब एक कॉमन मंदिर एक्ट लाना तय किया है। अभी तक हर मंदिर का अलग एक्ट होता है, लेकिन नया एक्ट आने के बाद सभी मंदिर एक ही एक्ट के दायरे में आएंगे। सभी पर एक समान नियम लागू होंगे। इसमें कलेक्टर के हाथ में मंदिर की कमान रहेगी। अभी अनेक मंदिरों में ट्रस्ट व समिति के हाथ में मंदिर की कमान होती है।

वर्तमान में उज्जैन के महाकालेश्वर सहित चुनिंदा बड़े मंदिरों के लिए अलग-अलग एक्ट है, लेकिन नया मंदिर एक्ट आने पर सभी पर यूनिफार्म नियम लागू होंगे। सरकार ने इसका मसौदा तैयार कर लिया है, जिसे आगामी कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। नए मंदिर एक्ट के तहत भगवान को ही पूरे संचालन का कर्ता-धर्ता माना जाएगा, लेकिन भगवान के प्रतिनिधि के रूप में कलेक्टर के पास प्रशासन की कमान रहेगी। कलेक्टर ही संबंधित मंदिर की कमेटी या ट्रस्ट का प्रमुख होगा। इससे कलेक्टर के अधिकार बढ़ जाएंगे, जबकि मंदिर समिति के अधिकारों में कमी आएगी।

अलग से एक्ट के दायरे में लाना होगा-

नया मंदिर एक्ट आने के बाद सरकार को संबंधित मंदिर को एक्ट के दायरे में लाने के लिए अलग से कार्रवाई करना होगी। मंदिर को एक्ट के दायरे में लाने पर उस मंदिर पर नियम लागू होंगे। इसके लिए अलग से नियम जारी करके कार्रवाई की जाएगी।

विवादों का होगा कॉमन-समाधान-
वर्तमान में अनेक मंदिरों में ट्रस्ट व अन्य का विवाद चल रहा है। इसमें मंदिरों की जमीन से लेकर आमदनी तक के विवाद शामिल हैं। नया एक्ट आने पर सारे विवादों का कॉमन समाधान होगा कि अधिकार पूरी तरह कलेक्टर के पास चले जाएंगे। सरकार चाहेगी तो मंदिर को टेकओवर कर सकेगी। मसलन, खंडवा के दादाधूनि वाले मंदिर में ट्रस्ट का विवाद है। एेसे विवाद भी फिर कलेक्टर के अधिकार क्षेत्र में चले जाएंगे। इसमें कोर्ट केस को लेकर भी कलेक्टर के पास रास्ता निकालने का अधिकार आ जाएगा।

क्या होगा फायदा-

- सरकार को मंदिरों की जमीन व प्रॉपटी पर अधिकार मिल सकेगा
- बरसों से चल रहे विवादों को खत्म करने में आसानी रहेगी

- मंदिर की प्रॉपटी व आमदनी में होने वाले घोटालों पर अंकुश लगेगा
- मंदिरों में सुविधाएं और संसाधनों में बढ़ोतरी की जा सकेगी

- मंदिरों में श्रृद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी। सरल नियम बनेंगे
- जमीन अतिक्रमण, असामाजिक गतिविधि आदि पर अंकुश लगेगा

- मंदिरों की जमीन के व्यावसायिक इस्तेमाल का रास्ता खुलेगा
- शासन का सीधा कंट्रोल मंदिरों पर हो सकेगा, सीधी मानीटरिंग होगी

इनका कहना-

सरकार मंदिरों के लिए एक एक्ट लाने जा रही है। अभी इस पर काम हो रहा है। एक एक्ट होने से प्रदेश के सभी मंदिर उसके दायरे में आएंगे, इसके लिए मंदिरों को एक्ट के दायरे में लाना होगा।
- पीसी शर्मा, मंत्री, अध्यात्म विभाग, मप्र