मध्य प्रदेश में अब तक उद्योगों का संचालन 2014 में बनी पॉलिसी के आधार पर किया जाता है। हाल ही में हुए रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के दौरान उद्योगपतियों ने सीएम डॉ. मोहन यादव को मध्य प्रदेश की उद्योग नीति की कुछ कमियां बताई थीं। इसके बाद तमिलनाडु, ओडिशा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की पॉलिसीज का आकलन किया गया था और नई पॉलिसी तैयार की गई है। पॉलिसी को वित्त विभाग के पास भेजा गया है। इसके बाद कैबिनेट की मंजूरी मिलते ही इसे लागू किया जाएगा।
यह भी पढ़ें- Ratan Tata Passes Away : रतन टाटा के निधन पर CM मोहन यादव समेत कई दिग्गजों ने जताया दुख, एमपी में भी शोक की लहर इन क्षेत्रों पर किया जाएगा फोकस
निवेश और रोजगार की अधिक संभावनाओं के कारण प्रदेश में अब तक एथेनॉल, फूड प्रोसेसिंग और टैक्सटाइल्स जैसे उद्योगों पर ज्यादा फोकस किया जाता था। प्रदेश की भौगोलिक व्यवस्था भी इनके लिए अनुकूल है। नई नीति में फुटवेयर, एयरोस्पेस, डिफेंस, फार्मास्युटिकल्स, इलेक्ट्रिक वाहन, ग्रीन हाइड्रोजन, एविएशन और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश जैसे क्षेत्रों को भी शामिल किया है।
नई पॉलिसी में महिलाओं को विशेष प्रोत्साहन
महिलाओं को 2014 से लागू नीति में बड़े उद्योगों में निवेश पर अतिरिक्त लाभ नहीं मिलता था। नई नीति लागू होने के बाद एससी/एसटी और महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा, ताकि वो नए उद्योग स्थापित कर सकें। नई नीति में स्टाम्प शुल्क, रजिस्ट्रेशन फीस और पेटेंट सहायता के लिए अतिरिक्त अनुदान राशि बढ़ाई गई है। साथ ही विद्युत शुल्क में छूट और अन्य प्रोत्साहन दिए गए हैं। यह भी पढ़ें- PM Awas के नाम पर पति-पत्नी ने कई लोगों से कर डाली ऐसी ठगी, सुनकर दिमाग चकरा जाएगा निवेश में फ्लैट टेलिस्कोपिक स्लैब लागू
2014 से लागू उद्योग संवर्धन नीति के तहत निवेश प्रोत्साहन की गणना एक तय फार्मूले के आधार पर होती थी, जिससे निवेशकों को समझने में कठिनाई होती थी। अब नई नीति में फ्लैट टेलिस्कोपिक स्लैब लागू किया गया है, जिससे प्रोत्साहन को समझना और इस्तेमाल करना आसान होगा।