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Hamidia Fire Case : मुआवजे का ऐसा लालच, जिगर के टुकड़े को ही बताया लापता

परिजनों ने मुआवजा पाने के लिए अपने एक माह के बच्चे की लापता होने की शिकायत दर्ज कराई थी।

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Patrika Opinion : लापरवाही की इस आग का इलाज जरूरी

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भोपाल. हमीदिया अस्पताल के शिशु रोग गहन चिकित्सा इकाई में सोमवार रात हुई आगजनी में बच्चों की मौत के बाद अब लोगों द्वारा मुआवजा पाने के लिए झूठी शिकायतों के मामले भी सामने आने लगे हैं। मामला गांधी नगर थाने के बड़वाई गांव का सामने आया है। जहां परिजनों ने मुआवजा पाने के लिए अपने एक माह के बच्चे की लापता होने की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। बाद में पुलिस ने बच्चे को बरामद कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया।

एएसपी रामस्नेही मिश्रा ने बताया कि महिला असमां की शिकायत के बाद डॉक्टरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने घटना से इनकार कर दिया। पुलिस पार्टी को जब महिला के घर भेजा गया तो महिला की बेटी और उनका बच्चा दोनों बरामद हो गए। पुलिस के मुताबिक ग्राम बड़वाई निवासी असमां अरशद अली ने थाने का आकर सूचना दी थी कि उनका बच्चा हमीदिया अस्पताल से गायब हो गया है। इसके बाद पुलिस ने बच्चे के बारे में आला अधिकारियों को सूचना देकर उनके बारे में जानकारी जुटाई तो पता चला कि बच्चे को आठ नवंबर को अस्पताल में भर्ती जरूर कराया था, लेकिन कुछ देर के उपरांत इलाज के बाद वे बच्चे को लेकर घर चले गए थे। बाद में हमीदिया में आग लगने में बच्चों की मौत हो गई।

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पुलिस जांच में पाया गया कि मुआवजे की लालच में परिजनों ने एसी शिकायत की ताकि उन्हें पैसे मिल सके। पुलिस ने फिलहाल परिजनों पर कानूनी कार्रवाई नहीं की है।