
GST on petrol
भोपाल। हर रोज बदल रहे पेट्रोल डीजल के दामों ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर रखा है। ऐसे में प्रति दिन कुछ पैसा बढ़ जाने से लोगों के घरों का बजट तक गड़बड़ाने लगा है।
इस बीच पेट्रोल डीजल की कीमतों में हो रही बढ़ोतरी से परेशान लोगों के लिए एक अच्छी खबर सामने आ रही है। जिसके अनुसार आगामी कुछ समय में पेट्रोल-डीजल को सस्ता करने के लिए GST तय GST on Petro And Diesel किया जा सकता है। यह सूचना सामने आते ही मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित विभिन्न जिलों में लोगों के बीच यह चर्चा विषय बना हुआ है।
ये बोले जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन...
दरअसल तेल की ऊंची कीमतों के बीच जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन और बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि पेट्रो उत्पादों पर जीएसटी की दरें GST on Petro And Diesel तय की जा चुकी हैं। इसके लिए अब बस, तारीख का ऐलान बाकी है जब से यह लागू होगा।
उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल की बैठक 28 सितंबर को होगी, लेकिन इसमें पेट्रोल को जीएसटी दायरे में लाने पर कोई चर्चा नहीं होगी। यह सरकार को तय करना है कि वह कब से पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी दरें लागू GST on Petro And Diesel करती है।
वहीं पूर्व में पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी राज्यसभा में कहा था कि 'संविधान के अनुच्छेद 297A(5) में साफ किया गया है कि ये जीएसटी परिषद को तय करना होगा कि किस तारीख से पेट्रोलियम क्रूड, हाइस्पीड डीजल, मोटर स्पीरिट, प्राकृतिक गैस, जेट फ्यूल पर जीएसटी GST on Petro And Diesel टैक्स लागू किया जाएगा।'
यहां प्रधान ने ये भी कहा था कि इस तरह पेट्रोलियम उत्पाद जीएसटी के तहत संवैधानिक स्तर पर शामिल हो चुके हैं। लेकिन इन पर जीएसटी रेट कब से लगेगा, यह फैसला जीएसटी परिषद को लेना है।
वहीं पेट्रोल-डीजल में जीएसटी पर मंत्रीसमूह के चेयरपर्सन के इस बयान के सामने आने के बाद मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के कई जिलों में लोगों में खुशी देखने को मिली।
पेट्रोल-डीजल में यदि GST लगती है तो इससे इनके दामों में काफी कमी आएगी। जिससे प्रदेश ही नहीं पूरा देश प्रभावित होगा। मध्यप्रदेश में पेट्रोल की कीमतें सबसे ज्यादा हैं, जीएसटी आने से लोगों को काफी लाभ मिलेगा।
- संजय शर्मा, डायरेक्टर निजी फर्म
पेट्रोल-डीजल में GST आने से इसके दाम कम होंगे, जिससे लोगों को राहत मिलेगी। वहीं खर्चों में कमी आने से लोगों अपनी कई जरूरतें पूरी कर सकेंगे। वहीं इससे महंगाई में भी कमी आएगी।
- राजेश आर्य, निजी कंपनी में कार्यरत, भोपाल
जीएसटी से रेट कम होने से जहां एक ओर पेट्रोल पर खर्चे में कमी आएगी। वहीं बाजार में भी कई चीजों के दामों में परिवर्तन होगा। इससे घर का बजट भी प्रभावित होगा। और कई चीजेें जो अब तक लोग महंगाई के कारण उपयोग में नहीं ले पा रहे हैं। इस बचत से वे अपनी उन जरूरतों को भी पूरा कर सकेंगे।
- हरप्रीत व्यास, ग्रहणी
पेट्रोल-डीजल में जीएसटी से इसके रेट कम होगें। जिससे काफी हद तक बचत होगी। साथ ही महंगाई पर भी रोक लगेगी।
- अशोक जैन, दुकानदार, भोपाल
पेट्रोल-डीजल में जीएसटी केवल गाड़ियों को ही प्रभावित नहीं करेगी, ये हमारी किचन पर भी प्रभाव डालेगी। बाजार में भी कई चीजें इसके कारण सस्ती होंगी। जिससे घर का बजट तो प्रभावित होगा ही कुछ बचत भी हो सकेगी।
- शिल्पी झा पाराशर, ग्रहणी
ये भ्रम की स्थिति है...
एक ओर जहां इस सूचना के सामने आने से खुश महसूस कर रहे हैं। वहीं कई जानकारों का यह भी कहना है कि अभी राज्यों और केंद्र सरकार का फोकस अभी राजस्व बढ़ाने पर है। ऐसे में पेट्रोल-डीजल पर जीएसटी लागू करने की तारीख बाद में तय होगी।
वहीं कुछ जानकार जीएसटी से पेट्रोल डीजल सस्ता होने की बात को जानबूझकर फैलाया जा रहा भ्रम बता रहे हैं। इसके पीछे उनका कहना है कि जीएसटी में आने के बाद भी केंद्र या राज्य सरकारें क्या कर लगाएंगी, यह अभी तक तय नहीं है।
जबकि मौजूदा कर व्यवस्था में जीएसटी के साथ अन्य कर लगाने का भी प्रावधान है। ऐसा विश्व स्तर पर हो रहा है और तमाम देश जीएसटी के साथ अतिरिक्त कर भी लगा रहे हैं।
28 पर्सेंट के पीक टैक्स रेट के साथ...
अब तक सामने आ रही जानकारी के अनुसार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाया जा सकता है। ऐसा होने पर दोनों फ्यूल्स पर 28 पर्सेंट के पीक टैक्स रेट के साथ राज्यों की ओर से कुछ लोकल सेल्स टैक्स या वैट लगाया जा सकता है।
वर्तमान में केंद्र सरकार मौजूदा समय में पेट्रोल पर प्रति लीटर 19.48 रुपये और डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी वसूलती है। जबकि राज्यों द्वारा वैल्यू ऐडेड टैक्स (वैट) वसूला जाता है।
बताया जाता है कि जीएसटी के तहत किसी वस्तु या सेवा पर लगने वाला कुल टैक्स इस तरह रखा जाएगा कि 1 जुलाई 2017 को जीएसटी लागू होने से पहले उस पर लगने वाले कुल सेंट्रल और स्टेट लेवी के बराबर ही आंकड़ा रहे। यह काम जीएसटी के 5,12, 18 और 28 पर्सेंट के चार स्लैब्स में किसी एक में रखकर किया जाएगा।
कुल टैक्स पहले ही पीक रेट से ज्यादा...
जानकारों के अनुसार पेट्रोल और डीजल पर अभी कुल टैक्स पहले ही पीक रेट से ज्यादा है और टैक्स रेट को केवल 28 पर्सेंट रखा जाए तो केंद्र और राज्यों को राजस्व का बड़ा नुकसान होगा। वहीं बताया जाता है कि केंद्र के पास राज्यों को होने वाले रेवेन्यू के नुकसान की भरपाई करने के लिए पैसा नहीं है।
वहीं जानकारों की माने तो यदि कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाया जाता है, ऐसी स्थिति में पेट्रोल-डीजल पर GST लोगों को काफी फायदा देगा। लेकिन वहीं यह सरकार को राजस्व के हिसाब से काफी नुकसान देने वाला साबित हो सकता है।
Updated on:
28 Sept 2018 01:22 pm
Published on:
24 Sept 2018 12:53 pm
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