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कचरे के ढेर में दबा पड़ा है हैंडपंप

नगर निगम के वार्ड 85 की पिपलिया कुंजनगढ़ बस्ती में सुविधाएं गांवों से भी बदतरगर्मी का मौसम आने वाला है। इन दिनों में गांव से लेकर शहर तक पानी की समस्या बढ़ जाती है। लोगों को दूर-दराज क्षेत्रों से पानी लाकर घरेलू उपयोग के साथ ही पेयजल की व्यवस्था करनी पड़ती है। ऐसे में दूसरी ओर कुछ कॉलोनियों और गांवों में सरकारी स्तर पर पेयजल की सुविधाएं तो उपलब्ध कराई गई हैं, लेकिन ग्राम पंचायत के सरपंच, वार्ड पार्षद सहित अन्य जिम्मेदारों की बेरुखी के कारण यहां मौजूद सिस्टम अनुपयोगी हैं।

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वजह लम्बे समय से खराब पड़े हैं। इनकी मरम्मत और देखरेख नहीं होने के कारण लोग इसका लाभ नहीं ले पा रहे हैं। ऐसा ही मामला हुजूर विधानसभा क्षेत्र के वार्ड 85 में आने वाले पिपलिया कुंजनगढ़ में सामने आया है। यहां लोगों के पेयजल के लिए सरकारी हैंडपंप तो लगे हैं पर ये वर्षों से बंद पड़े होने से इनकी कोई उपयोगिता नहीं है। ऐसे मेंं लोगों को दूसरे संसाधनों पर निर्भर रहना पड़ रहा है। यहां के रहवासियों ने मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की मांग की है।

कूड़े के डेर बन गए सरकारी हैंडपंप
बता दें कि पिपलिया कुंजनगढ़ में दो हैंडपंप आमने सामने लगे हुए हैं और दोनों बंद पड़े हैं। एक हैंडपंप कूड़े के ढेर में समा गया तो दूसरा हैंडपंप निजी आवास के बाउंड्रीवॉल के अंदर होने से उसका अस्थि पंजर निकाल लिए, जिससे वह बमुश्किल दिख पा रहा है। ऐसे में इन हैंडपंपों से ग्रामीणों की गर्मी के दिनों में कैसे प्यास बुझेगी यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।

स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से रहता है अंधेरा
पिपलिया कुंजनगढ़ नगर निगम के वार्ड 85 में आता है। इसके बाद भी यहां सुविधाएं ग्रामीण क्षेत्रों से भी बदतर है। यहां स्ट्रीट लाइट नहीं जलने से शाम होते ही अंधेरा छा जाता है, जिससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। इस संबंध में रहवासियों ने कई बार नगर निगम अधिकारियों के साथ ही वार्ड पार्षद से अपनी समस्या बता चुके हैं, लेकिन कोई इनकी सुध लेने वाला नहीं है।

नाली नहीं होने से सडक़ पर बहता है गंदा पानी
पिपलिया कुंजनगढ़ गांव में सडक़ किनारे नाली नहीं होने से घरों से निकलने वाला गंदा पानी और सीवेज सडक़ पर बहता है। ऐसे में लोगों को अपने घरों तक इसी के बीच से गुजरकर जाना पड़ता है। रहवासियों का कहना है कि राजधानी भोपाल नगर निगम के वार्ड 85 में होने के बाद भी ग्रामीण क्षेत्रों से बदतर जीवन जी रहे हैं।

सडक़ किनारे लगा है कचरे का ढेर
गांव नगर निगम सीमा में होने के बाद भी यहां साफ- सफाई नहीं की जाती। कचरा गाड़ी और सफाईकर्मियों के नहीं आने पर लोग जहां तहां कचरा फेंक रहे हैं। ऐसे में मुख्य रोड से गांव तक जाने वाली सडक़ किनारे जगह- जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है।


हमारी बस्ती में इसलौता सरकारी पंप है, जिससे ग्रामीणों की पेयजल की आपूर्ति की जाती है। पंप खराब होने पर लोगों को बूंदबूंद के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। खराब होने पर खुद ही इसकी मरम्मत करवानी पड़ती है। न तो नगर निगम के जिम्मेदार इस ओर ध्यान देते हैं और न ही क्षेत्रीय पार्षद।
पप्पू मीना पंडा, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती

हमारे गांव में दो सरकारी हैंडपंप हैं, लेकिन दोनों खराब पड़े हैं। एक हैंडपंप कचरे के ढेर में दबता जा रहा है, तो दूसरा निजी आवास की बाउंड्रीवॉल के अंदर होने से ग्रामीणों के लिए अनपयोगी है। ऐसे में गर्मी के दिनों में रहवासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
दुलारे मियां, रहवासी, पिपलिया कुंजनगढ़, पुरानी बस्ती