MP News: काउंसलर के पास पहुंचे जहां बच्चे का कहना था मार्कशीट कागज के टुकड़े हैं। असली दुनिया इंटरनेट पर हैं।
MP News: छुट्टियों में इंटरनेट और सोशल मीडिया पर ज्यादा समय गुजार रहे बच्चों की सोच में बदलाव सामने आया है। काउंसलिंग में अभिभावकों ने इस संबंध में समस्याएं बताई हैं। बच्चे पढ़ने की जगह सोशल मीडिया से कमाई की बात कह रहे हैं। तो किसी ने मार्कशीट को कागज के टुकड़े तक बता दिया। अभिभावकों की शिकायत है कि बच्चे वर्चुअल वर्ल्ड में हैं। इंटरनेट पर ज्यादा समय गुजार रहे हैं। उनके व्यवहार में अंतर आ रहा है।
दसवीं कक्षा के छात्र शिवांग के पिता संदीप सिंह ने बताया कि पिछले कुछ समय से बच्चे के व्यवहार में अंतर दिखाई दिया। काउंसलर के पास पहुंचे जहां बच्चे का कहना था मार्कशीट कागज के टुकड़े हैं। असली दुनिया इंटरनेट पर हैं। पढ़ाई छोड़ वह यहां कारोबार करना चाहता है। काउंसलर ने समझाइश दी है।
● मोटिवेशनल स्पीकर और सीए मुकेश राजपूत ने बताया कि बच्चों को डांटने की बजाय समझाइश दें। ये उपाय करें।
● इंटरनेट के उपयोग से रोकने की बजाय बच्चों को सक्सेस फुल लोगों से मिलाए।
● खेल और क्रिएटिव कामों में उन्हें लगाए। घर के कामों की उनसे राय लें। जुड़ाव बनाएं।
छात्र अमन ने 12वीं की परीक्षा पास की। नीट की तैयारी करना लक्ष्य था। पिता ने बताया कि दो माह में उसका लक्ष्य बदल गया। इंटरनेट पर सर्चिंग में लगा रहता था। यूट्यूब पर रील्स देखने से उसका लक्ष्य बदल गया।