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heat wave: बढ़ते तापमान से दिमाग में केमिकल लोचा, बढ़ रहा शक और टूट रहा अपनों से भरोसा

तेज गर्मी से बढ़ रही मानसिक समस्याएं, डिप्रेशन के साथ गुस्सा, चिड़चिड़ापन और शक्की हो रहा दिमाग

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heat wave: बढ़ते तापमान से दिमाग में केमिकल लोचा, बढ़ रहा शक और टूट रहा अपनों से भरोसा

heat wave: बढ़ते तापमान से दिमाग में केमिकल लोचा, बढ़ रहा शक और टूट रहा अपनों से भरोसा

भोपाल. इन दिनों गर्मी पूरी चरम पर है, पारा भी लगातार 40 डिग्री के पार जा रहा है, हीट वेब भी चल रही हैं। तेज गर्मी अब दिमाग पर भी चढऩे लगी है। यही कारण है कि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है अस्पतालों में मानसिक समस्याएं जैसे अवसाद और डिप्रेशन तेजी से बढऩे लगे हैं। इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेंट चेंज की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि गर्मी के चरम पर मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ा जाता है और दिमाग में केमिकल लोचा होता है, जिससे आत्महत्या जैसे विचारों में बढ़ोतरी होती है। रिपोर्ट के मुताबिक बच्चे, किशोर और पहले से मानसिक रोग से ग्रस्त लोगों में इसकी ज्यादा आशंका होती है।
केस 1: शाहपुरा निवासी 42 साल के युवक पिछले कुछ दिनों में चिड़चिड़ा हो गया था। घर पर भी छोटी बातों पर चिल्लाना, सामान फेंक देने की परेशानी होने लगी। मनोचिकित्सक ने कुछ जांचों के बाद बताया कि युवक पर गर्मी का असर है।
केस 2: कोलार में एक महिला कुछ दिनों पहले हीट स्ट्रोक से पीडि़त हुई और एक सप्ताह अस्पताल में एडमिट रहीं। ठीक होने के बाद उनका व्यवहार बदल गया, वे अत्यधिक गुस्सा करने लगी। मनोचिकित्सक ने बताया हीट स्ट्रोक के चलते वह हार्माेन डिसबैलेंस का शिकार हो गईं।
ओपीडी में हर रोज आ रहे 250 रोगी
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. अवंतिका वर्मा बताती हैं कि सामान्य दिनों में 160 से 180 मरीज ओपीडी में रोज आ रहे थे, लेकिन जून की बात करें तो पारा बढऩे पर फिजियोलॉजिकल स्ट्रेस के रोजाना 225 से ज्यादा मरीज आ रहे हैं। इनमें 15 से 20 मरीज नए होते हैं।
यह होता है तापमान बढऩे से
मनोचिकित्सक डॉ. अनुभव डबास बताते हैं कि तेज गर्मी से हमारे मस्तिष्क में सेरोटोनिन और डोपामिन केमिकल (एक प्रकार के न्यूरोट्रांसमीटर) का निर्माण गड़बड़ हो जाता है। जिसका सीधा असर हमारे मूड पर पड़ता है और बात-बात पर मूड खराब है, वाली फीङ्क्षलग आने लगती है। इससे धीरे-धीरे व्यक्ति को उदासी, बेचैनी और डिप्रेशन की समस्या महसूस होने लगती है।

बढ़ता तापमान मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डालता है। इससे अवसाद, गुस्सा, चिड़चिड़ापन बढऩे के साथ आत्महत्या जैसे ख्याल भी बढ़ते हैं। विशेषकर गर्मी दिमाग में रसायनों, हार्मोन्स और तंत्रिका तंत्र को नुकसान पहुंचाती है।
डॉ. सत्यकांत त्रिवेदी, वरिष्ठ मनोचिकित्सक