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लाइन हेल्पर के नाम जारी किया था परमिट, आउटसोर्स कर्मचारी को चढ़ा दिया पोल पर, करंट से मौत

बिजली मेंटेनेंस कंपनी के ठेका श्रमिक की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। उसका शव करीब 20 मिनट तक बिजली पोल पर ही लटका रहा

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लाइन हेल्पर के नाम जारी किया था परमिट, आउटसोर्स कर्मचारी को चढ़ा दिया पोल पर, करंट से मौत

भोपाल. एमपी नगर इलाके में बिजली मेंटेनेंस कंपनी के ठेका श्रमिक की हाइटेंशन लाइन की चपेट में आने से मौत हो गई। उसका शव करीब 20 मिनट तक बिजली पोल पर ही लटका रहा। हाइड्रोलिक क्रेन की मदद शव को उतारा गया। श्रमिक को नियम विरुद्ध पोल पर चढ़ाया गया था। क्योंकि परमिट एमपी नगर सब स्टेशन से लाइन हेल्पर सुदामा सैनी के नाम पर जारी किया गया था, लेकिन लाइन पर आउटसोर्स कर्मचारी रामस्वरूप मीणा को चढ़ा दिया गया।

पूरी रात काम करने के बाद सुबह 9.55 पर अचानक लाइट का झटका लगा और कर्मचारी की मृत्यु हो गई। पुलिस को संदेह है कि सुधार कार्य के दौरान बिजली सप्लाई नहीं बंद की गई, जिससे श्रमिक को करंट लग गया। पुलिस मामले की जांच शुरू कर दी है।

पुलिस के मुताबिक, राजगढ़ निवासी रामस्वरूप पिता रामनारायण निजी क्षेत्र की बिजली मेंटेनेंस करने वाली कंपनी में नौकरी करता था। रविवार सुबह करीब 10 बजे रामस्वरूप एमपी नगर जोन-1 में हाइटेंशन लाइन के पोल पर चढ़कर सुधार कार्य कर रहा था। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना कि उसने सुधार कार्य शुरू ही किया था कि अचानक विस्फोट की आवाज आई। लोगों की बिजली पोल की तरफ नजर पड़ी तो रामस्वरूप खुद को बचाने के लिए चीख रहा था। लोग उसकी मदद कर पाते इससे पहले उसकी मौत हो गई।

डाक्टर को बताया बेहोश हो गया

प्रत्यक्षदर्शियों का कहना कि रामस्वरूप की मौत बिजली पोल पर ही हो गई थी। फिर भी ठेका कंपनी के लोग उसे अस्पताल लेकर गए। जहां, डाक्टर को बताया गया कि बिजली पोल से उतरने के बाद उसे अचानक चक्कर आने लगे। इसके बाद वह बेहोश हो गया। डाक्टर को यह बात स²ाम हुसैन नाम के व्यक्ति ने बताई है।

ये कहता है एक्ट, नियम विरुद्ध चढ़ाख खंभे पर
एमपी इलेक्ट्रिक एक्ट में स्पष्ट है कि अकुशल अनियमित कर्मचारी खंभे के नीचे काम करेगा, जबकि कुशल और नियमित कर्मचारी खंभे व लाइन पर काम करेगा। सामान्य स्थिति में जूनियर इंजीनियर या सक्षम अथॉरिटी को ही लाइन बंद करने का परमिट दिया जाता है, लेकिन यहां लाइन हेल्पर को दे दिया गया। जिस लाइन हेल्पर को परमिट दिया, उसकी उम्र 50 से अधिक थी और यही वजह रही कि आउटसोर्स कर्मचारी को लाइन पर काम करने खंभे पर चढ़ा दिया।

एमपी नगर सब स्टेशन से ये परमिट जारी किया था, लेकिन भदभदा के एचटी डीजीएम कार्यालय से इंजीनियर से अनुमति ली गई। एेसे में इस पूरे मामले में नियमों का घोर उल्लंघन किया गया, जिसके नतीजे में एक युवक को अपनी जान गंवाना पड़ी। एमपी नगर जोन प्रबंधक आरके त्रिपाठी ने कहा कि घटना दुखद है, लेकिन ये हाइटेंशन लाइन का काम था इस वजह से इसमें हमारे जोन का कोई लेना देना नहीं है।