बैरागढ़ में 145, गोविंदपुरा में 132 एवं कोलार रोड में एक्यूआई 159 दर्ज किया गया। मंडीदीप में एक्यूआई 189 है, जो प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों के स्तर का है। कोलार रोड प्रदेश के दूसरे सबसे ज्यादा वायु प्रदूषण वाले शहरों से अधिक प्रदूषित है।
सरकारी आंकड़ों के उलट जमीनी स्थिति और भी भयावह है। भोपाल स्थित अंतररराष्ट्रीय संस्था जीसीड (ग्लोबल अर्थ सोसाइटी फॉर एनवायरमेंटल एनर्जी एंड डवलमेंट) के मुताबिक हमीदिया रोड, एमपी नगर, नेहरू नगर से लेकर लालघाटी जैसे इलाकों में पीक आवर्स में खतरनाक वायु प्रदूषकों से लेकर पार्टिकुलेट मेटर, वाष्पशील कार्बनिक यौगिक, नॉक्स, सॉक्स, कार्बन मोनोऑक्साइड और अन्य ग्रीन हाउस गैसों की मात्रा दिल्ली स्थित के कई संवेदनशील क्षेत्रों के बराबर है।
यहां इसका संज्ञान लेने वाला नहीं है। ऐसे में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ती जा रही है। शहरी क्षेत्रों के अलावा सबसे खराब स्थिति कहीं है तो वह आदमपुर स्थित ट्रैंचिंग ग्राउण्ड है। यहां शहर का कचरा डम्प किय जा रहा है। यहां कचरे में अकसर आग लगती है। अप्रेल में प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने यहां वायु प्रदूषण मापा था, जिसमें पीएम 2.5 और पीएम-10 खतरनाक स्तर पर था।
सिर्फ 4 मानकों को माना आधार
हवा की गुणवत्ता मापने के लिए तय 12 मानकों में से प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने पीएम 10 और 2.5, नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड और सल्फर डाइ ऑक्साइड का टेस्ट किया था। शहर में प्रदूषण का स्तर एक्यूआई यानी औसत पर आधारित है, जबकि मनुष्य प्रदूषण में उसी क्षमता से सांस लेता है, जितना प्रदूषण के कम रहने की अवस्था में।
हवा में सामान्य स्तर
पीएम2.5 – 60
पीएम10 – 100
एसओटू – 80
नॉक्स – 80
शहर से सटे गांव पीएम-2.5 पीएम-10
आदमपुर एमएसडब्ल्यू साइट 149.0 317.9
पड़रिया 83.6 198.7
कोलुआ खुर्द 41.7 151.2
आदमपुर बस्ती 45.7 80.8
एसओटू सभी स्थानों पर 2.0 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (24 घंटे का औसत प्रदूषण )
5 कारण, जिनसे बिगड़ी बड़े तालाब की सेहत