
भोपाल।छात्र संघ चुनाव मामले में सरकारी कॉलेजों में छात्र संघ के चुनाव के बाद निजों कॉलेजों में भी चुनाव किए जाएं । 30 अक्टूबर के बाद अगले 10 दिनों में निजी कॉलेजों में भी चुनाव कराना है। यह फैसला मध्यप्रदेश के जबलपुर हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनाया।एनएसयूआई की याचिका पर आए इस फैसले पर एनएसयूआई अध्यक्ष विपिन वानखेड़े ने कहा कि हाईकोर्ट का यह फैसला प्रदेश के सरकारी और निजी कॉलेज के सभी छात्रों की जीत है।
दरअसल मध्यप्रदेश में होने जा रहे छात्रसंघ चुनाव को लेकर दायर एक याचिका पर हाईकोर्ट ने प्राइवेट कॉलेजों में भी चुनाव कराने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि है कि 30 अक्टूबर के बाद इसकी अधिसूचना जारी की जाए और 10 दिन के अंदर चुनाव कराए जाएं। हाईकोर्ट ने यह निर्देश मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा विभाग को दिए हैं। एनएसयूआई ने शासकीय महाविद्यालयों की तर्ज पर गैर अनुदान प्राप्त महाविद्यालयों में भी छात्रसंघ चुनाव कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। दरअसल मध्यप्रदेश के शासकीय कॉलेजों में 30 अक्टूबर को छात्र संघ चुनाव होने हैं, इसी दिन मतगणना होने के बाद विजेताओं की घोषणा की जाएगी और शपथ ग्रहण भी इसी दिन होगा।
छात्रसंघ चुनाव : बदला ये नियम भी, अब स्नातक छात्र भी बन सकेेंगे अध्यक्ष
छात्रसंघ अध्यक्ष पद के लिए स्नातक के छात्र पात्र होंगे या नहीं इस पर शुरू से असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस मामले में नूतन गल्र्स कॉलेज में मंगलवार को हुई संभाग स्तरीय समीक्षा बैठक में स्थिति स्पष्ट हो गई है। बैठक में होशंगाबाद और भोपाल संभाग के छात्रसंघ चुनाव प्रभारी डॉ. अमिये पहारे ने स्पष्ट किया है कि अध्यक्ष पद के लिए स्नातक प्रथम वर्ष के छात्र को छोड़कर दूसरे और तीसरे वर्ष के छात्र भी पात्र होंगे। इसमें स्नातकोत्तर के छात्र की बाध्यता नहीं होगी। चाहे कॉलेज में पीजी कोर्स संचालित हो रहे हों या नहीं।
अधिकारियों ने बताया कि अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ स्नातक प्रथम वर्ष का छात्र चुनाव नहीं लड़ सकता है। उपाध्यक्ष, सचिव और सहसचिव का चुनाव लडऩे के लिए किसी भी प्रकार की बाध्यता नहीं होगी। बैठक में दोनों संभाग की अतिरिक्त संचालक डॉ. सुधा बैस शामिल रहीं और उन्होंने प्राचार्यों को चुनाव संबंधी दिशा-निर्देश जारी किए।
ये बोले MP के उच्च शिक्षा मंत्री:
MP के उच्च शिक्षा मंत्री जयभान सिंह पवैया ने निजी कॉलेजो में छात्र संघ चुनाव कराने के हाईकोर्ट के निर्णय पर कहा है कि कोर्ट के निर्णय का पालन तो करना होता है ।
ये सही के हम सरकारी और निजी कॉलेजों में चुनाव कराने की स्थिति में नहीं है । प्रायवेट कॉलेज का प्रशासन प्रायवेट होता है। निर्णय की तारीखों की जानकारी विभाग से मिलेगी तभी कह सकेंगे की अधिसूचना कब जारी करनी है।
Published on:
25 Oct 2017 04:17 pm
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