
MP News Home guards posting cancelled: डायरेक्टर जनरल ने जारी किए नये आदेश. (फोटो सोर्स: पत्रिका)
MP News: आपदा प्रबंधन के लिए प्रदेश में होम गार्ड के स्वीकृत पदों में से 38 प्रतिशत कम हैं। इंदौर में होम गार्ड के 650 पद हैं, लेकिन पद स्थापना केवल 537 की है। इनमें से भी करीब 100 होम गार्ड के जवानों की पोस्टिंग बड़े अधिकारियों के बंगलों या अन्य जगह है।
यह आपदा प्रबंधन के लिए काम ही नहीं करते हैं। अब होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन की डायरेक्टर जनरल ने सभी होम गार्ड की बाहर पोस्टिंग निरस्त कर होम गार्ड लाइन में बुलाने के निर्देश दिए हैं। इन्हें आपदा प्रबंधन के काम में लगाया जाएगा। उन्हें अब अन्य विभागों में काम करने की अनुमति नहीं होगी। वापस आने वाले होम गार्ड की संवेदनशील इलाकों में तैनाती होगी या अलर्ट मोड पर रखा जाएगा।
पुलिस मुख्यालय से 3 जून को जारी आदेश के अनुसार, बारिश से पहले होम गार्ड जवानों को होम गार्ड लाइन में वापस बुलाया जाए। इन्हें और कहीं पदस्थ नहीं किया जाएगा। विभाग के अधिकारियों को हिदायत दी है कि अन्य स्थानों पर इनकी पोस्टिंग करने से पहले पुलिस मुख्यालय से अनुमति ली जाए। मुयालय से जारी आदेश के बाद मनचाही पोस्टिंग लेकर बंगलों या अन्य जगह काम करने वाले बेचैन हैं, क्योंकि अब तक ये जवान आपदा प्रबंधन के कार्यों से मुक्त थे। अन्य विभागों में नियुक्ति के दौरान ऑफिस के समय में ही काम करना होता है और सप्ताह में दो दिन का अवकाश भी मिल जाता है।
-ट्रैफिक पुलिस थाना।
-पुलिस थाना।
-कलेक्टर कार्यालय सहित अन्य सरकारी भवन।
-सरकारी अफसरों के बंगले।
-सरकारी अधिकारियों की सुरक्षा में।
-एसडीएम और एडीएम कार्यालयों में।
होम गार्ड, नागरिक सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन में हाल ही में डायरेक्टर जनरल प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव की पोस्टिंग हुई है। उन्होंने विभागीय समीक्षा की तो खुलासा हुआ कि प्रदेश के सभी जिलों में होम गार्ड की भारी कमी है। इससे राहत एवं आपदा प्रबंधन का काम प्रभावित होता है। पता चला कि बड़ी संख्या में ऐसे होम गार्ड के जवान हैं, जिनकी पोस्टिंग होम गार्ड लाइन में है, लेकिन वे अन्य स्थानों पर काम कर रहे हैं।
मौखिक आदेश पर सरकारी बिल्डिंग, अफसरों के बंगले, ट्रैफिक थाने, पुलिस थाने, बाल संप्रेषण गृह (बच्चा जेल), सरकारी अधिकारियों के सुरक्षाकर्मी के तौर पर काम कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा बंगले या अफसरों के सहयोगी सुरक्षाकर्मी के तौर पर पदस्थ हैं। इन जवानों की वापसी के बाद इन्हें बाढ़ एवं आपदा के लिहाज से संवेदनशील इलाकों में डीआरसी (डिजास्टर रिकवरी सेंटर) या फिर क्यूआरटी (क्विक रिस्पॉन्स टीम) में पदस्थ किया जाएगा।
यह सामान्य प्रक्रिया है। बारिश में आपदा को लेकर तैयारी की जाती है। इन तीन महीनों के बाद स्टाफ की अधिकता हो जाती है, इसलिए जिन विभागों से बल की मांग की जाती है, वहां विभागीय अटैचमेंट कर दिया जाता है। 15 जून से 15 सितंबर तक विभागीय वापसी करते हैं। मुयालय से उसी क्रम में आदेश प्राप्त हुआ है। उसके अनुरूप कार्रवाई की जा रही है।
-समित जैन, डिस्ट्रिक्ट कमांडेंट
Published on:
06 Jun 2025 11:01 am
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