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दुनिया का सबसे निडर, खूंखार और चालाक जीव है हनी बेजर, जंगल के राजा शेर से लेता है सीधी टक्कर

- राजधानी से सटे इमली घाट-वीरपुर के जंगल में फिर दिखे दो हनी बेजर- इस जीव को गिनीज बुक में मोस्ट फियरलेस क्रीचर का दर्जा मिला हुआ है- हनी बेजर देखने में नेवला और भालू का मिलाजुला रूप होता है

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दुनिया का सबसे निडर, खूंखार और चालाक जीव है हनी बेजर, जंगल के राजा शेर से लेता है सीधी टक्कर

दुनिया का सबसे निडर, खूंखार और चालाक जीव है हनी बेजर, जंगल के राजा शेर से लेता है सीधी टक्कर

भोपाल. दुनिया का सबसे निर्भीक जानवर माना जाने वाला हनी बेजर राजधानी से सटे कोलार डैम रोड के जंगलों में एक बार फिर दिखाई दिया है। इन्हें देखने वाले वनकर्मियों का मानना है कि दोनों हनी बेजर पहली बार दिखाई दिए हैं। इससे पहले इसे अक्टूबर 2014 में देखा गया था। इसका फोटो कैमरे में भी कैद हुआ है। बिज्जू की प्रजाति के इस जीव की संख्या डेढ़ दशक में तेजी से कम होने से इसे विलुप्त वन्यजीवों की श्रेणी में रखा गया है। माना जा रहा है कि इनकी संख्या बढ़ रही है। फॉरेस्ट असफरों के अनुसार हनी बेजर मस्टेलिडाए कुल और मेलिवोरा प्रजाति का है। इनका शिकार खाल, फर, कॉस्मेटिक के चलते किया जाता रहा है।

चालाक इतना है कि बचने के लिए इंसानों की तरह प्लानिंग करता है
कुछ दिन पूर्व दो हनी बेजर रातापानी सेंक्चुरी के इमली घाट से वीरपुर पीएचई कॉलोनी के पास जंगल में देखे गए हैं। हनी बेजर गिनीज बुक ऑफ वल्र्डर्ड रिकॉर्ड में मोस्ट फियरलेस क्रीचर के नाम से दर्ज है। यह बेहद खूंखार, निडर, बुद्धिमान और चालाक है। हनी बेेजर को किसी कमरे में बंद कर दिया जाए तो यह दरवाजे की कुंडी खोलकर, पत्थर, मिट्टी या डंडा आदि दीवार से लगाकर उस पर चढ़कर भाग जाता है। ये जमीन खोद सुरंग बनाकर भी निकल भागता है। यह पहले परिस्थिति समझता है और फिर निकल भागने के लिए प्लानिंग करता है, बिल्कुल इंसान की तरह।

टाइगर रिजर्व में भी इन जीवों के लिए प्रावधान नहीं
40 टाइगर की आबादी के चलते रातापानी सेंक्चुरी को टाइगर रिजर्व बनाने की दिशा में काम चल रहा है। इससे रिजर्व क्षेत्र में अवैध मानव गतिविधियां कम होंगी और वन्यजीवों की सुरक्षा बढ़ेगी। सूत्रों की मानें तो टाइगर रिजर्व में हनी बेजर जीवों के प्रावधान नहीं किया जा रहा है। सुंदर सागौन (टीक) वनों के लिए प्रसिद्ध रातापानी सेंक्चुरी के 890 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में बाघ, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, स्लॉथ बीय, सियार, लोमड़ी, चीतल, सांभर, नीलगाय, चिंकारा, चौसिंघा, हनुमान लंगूर, आदि वन्यजीव हैं। टाइगर रिजर्व के लिए रायसेन, सीहोर तथा भोपाल जिलों के 3,500 वर्ग किमी में 1,500 वर्ग किमी क्षेत्र को कोर क्षेत्र के रूप में जबकि 2,000 वर्ग किमी को बफर जोन बनाया जाएगा।

खाल और फर के लिए किया जाता था शिकार
30-40 वर्ष पूर्व तक हनी बेजर का शिकार खाल और फर के लिए किया जाता था। इन वन्यजीवों का संरक्षण करने के बारे में विचार किया जाएगा।
- रवीन्द्र सक्सेना, सीसीएफ, भोपाल वन वृत्त

रातापानी सेंक्चुरी में इन दुर्लभ वन्यप्राणियों को देखा गया है। इन वन्यप्राणियों की अभी तक गणना नहीं की गई है। गणना का अभी कोई प्लान नहीं है।
- एके सिंह, डीएफओ, रातापानी