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गॉल ब्लैडर स्टोन: यह चमत्कारी दवा केवल 5 दिनों में निकाल देगी पथरी! नहीं होगी आॅपरेशन की जरूरत…

आयुर्वेदिक इलाज जो रोग को करे जड़ से साफ!

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गॉल ब्लैडर स्टोन: यह चमत्कारी दवा केवल 5 दिनों में निकाल देगी पथरी! नहीं होगी आॅपरेशन की जरूरत...

भोपाल। लगातार अनियमित खानपान से पाचन क्रिया प्रभावित होती है। जिसके चलते को पेट संबंधित बीमारियां उत्पन्न होती हैं।

ऐसी ही एक बड़ी समस्या पित्‍त की थैली में पथरी की है। इस समस्‍या के कारण पाचन क्रिया तो प्रभावित होती ही है, साथ ही मरीज को असहनीय दर्द का भी सामना करना पड़ता है।

आयुर्वेद के डॉ. राजकुमार के अनुसार पित्‍त की थैली यानी गॉल ब्‍लैडर में स्‍टोन होने से खाने के बाद पेट के ऊपरी हिस्‍से में दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बुखार, उल्‍टी की समस्‍या आदि हो जाती है।

उनके अनुसार गाल ब्लैडर स्टोन अर्थात पित्त की थैली की पथरी से पूरी दुनिया में लाखों मरीज परेशान हैं।

ये होती है समस्‍या
गाल ब्लैडर स्टोन होने पर खाने के बाद पेट के ऊपरी हिस्से में तेज दर्द, सांस लेने में तकलीफ, बुखार होना, उबकाई आना, उल्टी होना, आंखों व त्वचा में पीलापन, आदि लक्षण हों तो गॉल ब्लैडर में स्टोन हो सकता है। दरअसल खाना जैसे ही आंतों में पहुंचता है गॉल ब्लैडर पित्त स्रावित करता है जिससे फैट पचता है।

इस पित्त में कोलेस्ट्रॉल, बिलरूबीन व पित्त सॉल्ट होता है, जब ये तत्व गाढ़े हो जाते हैं तो स्टोन यानी पत्‍थर बन जाता है। गॉल स्टोन पित्त का प्रवाह रोकता है जिससे पाचनक्रिया गड़बड़ा जाती है।
डॉ. राजकुमार के अनुसार गाल ब्लैडर स्टोन होने पर एक आयुर्वेदिक नुस्खा इस समस्या को हल करने के लिए चमत्कारी सिद्ध होता है। जिसे हम घर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं...

इलाज की विधि...
इसके तहत गुडहल का पाउडर एक चम्मच रात को सोते समय खाना खाने के कम से कम एक डेढ़ घंटा बाद गर्म पानी के साथ फांक लीजिए। ये थोडा कड़वा होता है। इसलिए मन भी कठोर कर के रखें, लेकिन ये इतना भी कड़वा नहीं होता के आप इसको खा ना सकें। इसको खाना बिलकुल आसान है।

इसके बाद कुछ भी खाना या पीना नहीं है। यदि स्टोन का साइज़ बहुत बड़ा हो तो पहले दो दिन रात को ये पाउडर लेने के बाद सीने में अचानक बहुत तेज़ दर्द हो सकता है। मगर ये दर्द स्टोन के टूटने होता है। और दो दिन बाद से ये दर्द गायब सा हो जाता है। वहीं 5 दिन के बाद तो ये बिलकुल भी नहीं रहता।

ऐसे समझें पूरा मामला...
जानकारों के अनुसार गाल ब्लैडर पथरी निकलवाने में सामान्य तौर पर डॉक्टर तो 5000 से लेकर 10000रुपए तक चार्ज करते हैं। जबकि आयुर्वेद में इस प्रयोग की वास्तविक कीमत सिर्फ 50 रुपए के आसपास ही है। यह प्रयोग गाल ब्लैडर और किडनी दोनों प्रकार के स्टोन को निकालने में बेहद कारगर है।

ये रखें सावधानी :
इस दौरान पालक, टमाटर, चुकंदर, भिंडी का सेवन न करें। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर आपका स्टोन बड़ा है तो ये टूटने समय दर्द भी कर सकता है।

ऐसे मिलेगी ये औषधि...
गुडहल के फूलों का पाउडर को इंग्लिश में Hibiscus powder कहते हैं। ये पाउडर बहुत आसानी से पंसारी से मिल जाता है। अगर आप इंटरनेट पर भी Hibiscus powder नाम से सर्च करेंगे तो आपको अनेक जगह ये पाउडर online मिल जाएगा,वहीं जब आप online इसको मंगवाए तो इसको organic hibiscus powder देखिएगा। आज कल बहुत सारी कंपनिया आर्गेनिक भी ला रहीं हैं जो इसके लिए बेस्ट माना जाता है। कुल मिला कर बात ये है के इसकी उपलबध्ता बिलकुल आसान है।


पित्त का कार्य...
दरअसल पित्त लीवर में बनता है और इसका भंडारण गॉल ब्लैडर में होता है। यह पित्त वसायुक्त खाने को पचाने में मदद करता है। जब इस पित्त में कोलेस्ट्रोल और बिलरुबिन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो पथरी निर्माण के लिए आदर्श स्थिति बन जाती है।

ये बीमारी आमतौर पर 30 से 60 वर्ष के उम्र के लोगों में पाई जाती है। यह बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरूषों में चार गुना अधिक पाई जाती है।